17 सितंबर को मनाया जायेगा विश्वकर्मा पूजा, सज धज कर तैयार साकची बाजार
रौशन कुमार पांडेय
जमशेदपुर. देवताओं के शिल्पी, निर्माण और सृजन के देवता कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर वर्ष सितंबर माह में की जाती है. इस साल 17 सितंबर दिन शुक्रवार को विश्वकर्मा पूजा या भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनायी जायेगी. विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष तौर पर औजारों, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों आदि की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है, जो भी कार्य प्रारंभ किये जाते हैं, वे पूरे होते हैं. भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है. हर वर्ष की तरह इस बार भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा की जायेगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष विश्वकर्मा पूजा सूर्य की कन्या संक्रांति पर की जाती है. इस वर्ष 17 सितंबर की रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य की कन्या संक्रांति का क्षण है. इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है. राहुकाल को छोड़कर आप विश्वकर्मा पूजा करें. हालांकि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, तो आप इस समय से पूजा कर सकते हैं.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं. इन्होंने स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था. उन्होंने इस संसार की रचना में ब्रह्मा जी की मदद की थी. इस संसार का मानचित्र तैयार किया था.