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आनंद मार्ग एवं पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से 5 मोतियाबिंद रोगियों का निशुल्क लैंस प्रत्यारोपण एवं ग्रामीणों के बीच 200 फलदार पौधे का वितरण

जमशेदपुर । आनंद मार्ग एवं पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से 7 फरवरी को पूर्णिमा नेत्रालय में पांच मोतियाबिंद रोगियों का निशुल्क ऑपरेशन कर लैंस प्रत्यारोपण किया गया। आज चश्मा एवं दवा देकर रोगियों को घर पहुंचा दिया गया।
आज गदरा आनंद मार्ग जागृति में मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए जांच शिविर का आयोजन किया गया था लगभग 35 लोगों का आंखों का जांच हुआ एवं 10 लोग मोतियाबिंदु ऑपरेशन के लिए चयनित हुए जिनका ऑपरेशन 15 फरवरी को पूर्णिमा नेत्रालय में किया जाएगा।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP) की ओर सोनारी, गदरा एवं पटमदा के गागीबुरू गांव के ग्रामीणों के बीच बांटे गए 200 फलदार पौधे ग्रामीणों के बीच पृथ्वी बचाओ अभियान के तहत फलदार पौधों काजू,अमरूद, नींबू ,कटहल एवं अनार का वितरण किया गया। साथ ही साथ ग्रामीणों को पर्यावरण बचाने का शपथ भी कराया गया ।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 50 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है।

आनंद मार्ग के सुनील आंनद का कहना है कि फलदार पेड़ों का रोपण करने से पर्यावरण को तो लाभ पहुंचता ही है साथ ही साथ समाज से गरीबी भी कम होती है ,इससे धन का उपार्जन किया जा सकता है , इसलिए ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे का रोपण करना जरूरी है। जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ।इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है । नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं । हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए हर तरह के पौधे।
आनंद मार्ग का कहना है कि अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा । जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ।नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।

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