108 एंबुलेंस चालकों के द्वारा आयोजित धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे भाजपा नेता
स्वास्थ्य मंत्री बने हुए हैं मौत के सौदागर - विकास सिंह
जमशेदपुर। विगत कई दिनों से 108 एंबुलेंस चालकों के द्वारा पांच महीने से तनख्वाह नहीं मिलने के कारण एंबुलेंस का चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम किया जा रहा है । जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय में आयोजित धरना में आज अपना समर्थन देने भाजपा नेता विकास सिंह पहुंचे उन्होंने एंबुलेंस चालकों का हाल जाना एंबुलेंस चालकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए भाजपा नेता विकास सिंह को बताया कि विगत पांच महीना से हम सभी को तनख्वाह नहीं मिल रहा है उनके बच्चों का नाम विद्यालय से फीस नहीं जमा करने के कारण काट दिया गया है घर में दोनों समय भोजन परिवार वालों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। घर में बीमार पड़े परिवार के सदस्यों की दवाइयां नहीं खरीद पा रहे हैं । हम सभी ड्राइवर कोविड-19 के समय पहाड़, जंगल से मरीजों को गंतव्य स्थान में पहुंचाने का कार्य अपनी जान हथेली में रख कर किया है । 24 घंटे ड्यूटी में हम सभी एक कॉल पर उपलब्ध रहने का कार्य करते है दिन रात कभी भी सूचना मिलने पर हम मरीज को लेकर अस्पताल और अस्पताल में स्थिति नहीं सुधरता है तो उसे लेकर रिम्स जाने का कार्य करते हैं इसके बावजूद भी हमें पांच महीने से तनख्वाह नहीं दिया गया । मौके में पहुंचे भाजपा नेता विकास सिंह ने उनसे जानना चाहा कि आप ने इसकी शिकायत किसको किसको किए है ड्राइवरों ने विकास सिंह को बताया कि हम सभी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी को दर्जनों बार लिखित शिकायत किया तथा मिलकर उनसे बात करने का कार्य किया एक बार हम लोग सभी ड्राइवर स्वास्थ्य निदेशालय में गए थे मंत्री जी के लोगों ने सैकड़ों पुलिस बुलवाकर हमें डंडे के बल में वहां से खदेड़ दिया हमारी बात को नहीं सुना सारे दरवाजे खटखटाने के बाद हमारी परेशानी को कोई नहीं सुना थक हार कर हम लोग हृदय में पत्थर रखकर हम लोग लाइफलाइन कही जाने वाली वाहन एंबुलेंस को अस्पताल और सड़क के बजाय उपायुक्त कार्यालय के समीप खड़ा कर दिए है । मौके में पहुंचे विकास सिंह ने कहा की पूरी व्यवस्था देखकर घिन आ रही है खुलेआम अस्पताल और घर में मरीज तड़प कर मर रहे हैं स्वास्थ्य मंत्री का गृह क्षेत्र में यह हाल है तो पूरे राज्य में क्या हाल हो रहा होगा । मुख्यमंत्री विधायकों का वेतन बढ़ाने का काम कर रहे हैं महंगी महंगी गाड़ियां स्वयं और मंत्रियों के लिए खरीद रहे हैं। मजदूर रूपी ड्राइवर जो अपनी जान हथेली में रखकर 108 एंबुलेंस चला रहा है तनख्वाह नहीं देना यह गरीबों और जरूरतमंद लोगों के प्रति वर्तमान सरकार की उदासीन रवैया को दर्शाता है । एक और मुख्यमंत्री जी करोड़ों रुपए की तस्वीर आदिवासी दिवस में अपने और अपने पिताजी का लगवाए हैं वहीं दूसरी ओर सीधे राज्य की भोली-भाली जनता की मृत्यु एंबुलेंस के चक्का जाम रहने के कारण हो जा रही है । विकास सिंह ने कहा जिस एंबुलेंस को सड़क पर दौड़ते रहना चाहिए वाह आज उपायुक्त कार्यालय के समीप खड़ा होकर शोभा बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं एक और मंत्री और उनके परिवार के लिए 24 घंटे रनवे में एयर एंबुलेंस खड़ा रहता है वहीं दूसरी और गरीब और जरूरतमंद बीमारी से ग्रसित लोग एंबुलेंस के लिए घर में ही दम तोड़ दे रहे।