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हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी विरोधी : सलखान मुरमू

जमशेदपुर। हेमंत सोरेन झारखंड सरकार आदिवासी विरोधी सरकार है। इसलिए सेंगेल पांच प्रदेश के लगभग 50 जिलों में
1 फरवरी से 5 फरवरी 2022 तक विरोध स्वरूप इसका पुतला दहन करेगा। क्योंकि राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सबसे बड़ी आदिवासी भाषा – संताली भाषा को झारखंड सरकार ने अब तक राजभाषा का दर्जा नहीं दिया है। वायदे के बावजूद झारखंडी डोमिसाइल और नियोजन नीति नहीं बनाया है। 24 मार्च 2021 को सीएनटी / एसपीटी को छेद करके लैंड पूल बिल बिधान सभा मे पास किया है। महान शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या ( 12.6.2020 ) पर घोषणा करके सीबीआई जांच नहीं किया है। सरना धर्म कोड की मान्यता के मामले पर टालमटोल का रवैया अपनाता है। ट्राईबल एडवाईजरी काउंसिल ( TAC ) का गठन भारतीय संविधान के खिलाफ किया है। अतएव हेमंत सोरेन सरकार प्रमाणित आदिवासी विरोधी है। इसका विरोध झारखंडी जनहित में जरूरी है।

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