पंडित रघुनाथ मुर्मू ने संथाल समाज का भाषा संस्कृति को समृद्ध किया : महाबीर मुर्मू

जमशेदपुर। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संथाली ओल चिकी लिपि जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू जी के जन्म जयंती के अवसर पर पंडित रघुनाथ मुर्मू धरमगाड़ बालीगुमा गांव मे समाजसेवी महाबीर मुर्मू के पंडित रघुनाथ मुर्मू का मूर्ति का अनावरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महाबीर मुर्मू ने 19 वीं शताब्दी तक संथाली लोगों के पास कोई लिखित भाषा और लिपि नहीं थीं तो संथाल लोगो को रोमन या हिंदी बंगला लिपि का उपयोग किया।
अपना भाषा का लिपि नहीं होने करण तब पंडित रघुनाथ मुर्मू ने जो चिकी लिपि का निर्माण कर संथाल समाज के विकास संस्कृति पहचान को समृद्ध किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से गांव के माझी बाबा रमेश मुर्मू
नायके बाबा मोहन हांसदा विपिन मुर्मू लुगु हांसदा भागीरथ सोरेन हाड़ीराम सोरेन पप्पू सोरेन विश्वनाथ मुर्मू शिवानी मुर्मू विमला हांसदा छिता किस्कू रानी मार्डी आदि उपस्थित थे।