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स्वाभिमान और गर्व की भाषा हिंदी की गरिमा बढ़ाते डाॅ सीताराम आठिया


हिंदी एक ऐसी भाषा है जो हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह न केवल भारत की पहचान है, बल्कि हमारे समाज के मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों को संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी बनाती है। हिदी सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ-साथ यह विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे पूरी दुनिया में समझने, बोलने और पसंद करने वाले लोगों की संख्या में कोई कमी नहीं है। हिंदी के प्रचार प्रसार को मजबूती से बढ़ाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरी जिला सागर मप्र में स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत डॉ सीताराम आठिया इस सम्मेलन में श्री अरविंद के समग्र योगदान पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई नवाचारों के लिए सैकड़ों राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित एस. आर. आठिया अब साहित्य के क्षेत्र में भी जिले तथा प्रदेश का नाम गौरान्वित कर रहे हैं। पिछले वर्ष विश्व हिंदी परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन से प्रेरणा पाकर उन्होंने साहित्यिक कार्य प्रारम्भ किया। बीते एक वर्ष में उन्होंने जेएनयू, जेएमआई, कलकत्ता यूनिवर्सिटी और केरला यूनिवर्सिटी सहित भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पचास से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता करते हुए शोध पत्र प्रस्तुत किए।

शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लगातार दो वर्षों तक रविन्द्र भवन सागर में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान उनकी दो पुस्तकों का विमोचन मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत तथा विधायकद्वय शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया ने किया। हाल ही में जेटीएस प्रकाशन, दिल्ली द्वारा उनका शोध ग्रंथ “शोध एवम समीक्षा: नारी शिक्षा एवम साहित्य के विविध विमर्श” प्रकाशित हुआ है। वर्तमान में डॉ. सीताराम आठिया मातृशक्ति एवं महापुरुषों की जीवनियाँ तथा कृषक, नारी शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर आधारित 101 पुस्तकों का संपादन कर रहे हैं जिसके लिए संपूर्ण भारतवर्ष के प्रोफेसर उन्हें आलेख भेज रहे हैं।
डॉ. आठिया ने सूचित किया है कि गत तीन महीनों में, उन्हें 300 से अधिक आलेख प्राप्त हुए हैं, जिनसे कुल 11 पुस्तकें पूरी हो चुकी हैं। इन पुस्तकों का विमोचन 25 और 26 जुलाई को नई दिल्ली में विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में किया जाएगा। हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु डॉ. आठिया अपने पिता, प्राचार्य पी एल आठिया की स्मृति में लेखकों को उत्तम कार्य के लिए राष्ट्रीय हिन्दी गौरव सम्मान प्रदान करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन आयोजन समिति में मध्य प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण डॉ. आठिया को एक महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने मप्र के समस्त साहित्यकार, प्रोफेसर्स से अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में अपने आलेख प्रस्तुत कर आयोजन को सफल बनाने की अपील की है।

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