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बिचागुतु करंजिया सड़क निर्माण में जमकर हो रहा है घोटाला, ग्रामीण मुण्डा नें किया खुलेआम विरोध

संतोष वर्मा
चाईबासा । बिचागुतु करंजिया सड़क में पुरानी पीसीसी सड़क के उपर पीसीसी सड़क का निर्माण किया जा रहा है । घटिया निर्माण कार्य से ग्रामीणों में आक्रोश, मात्र 5 इंच से भी कम मोटाई थिकनेस का ढलाई किया जा रहा है।संवेदक के द्वारा अभियंता से सांठ गांठ कर प्राक्कलन के आधार पर कार्य के विपरित भुगतान लेने की चर्चा जोरों पर है। इस सड़क में भारी अनियमितता बरतने की शिकायत पूर्व में भी गांव के लोगों तथा गांव के मुंडा के द्वारा किया गया है, लेकिन कागजी जांच प्रक्रिया को पूरा कर मामला को दबा दिया गया है।

निर्माणाधीन बीचागुटू-करंजिया सड़क की गुणवत्ता पर असमंजस में ग्रामीण, कार्यस्थल पर बोर्ड तक नहीं लगाया

बीचागुटू से पोखरपी होते करंजिया तक निर्माणाधीन लगभग 5.7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य की गुणवता से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं। यह सड़क लगभग 3 करोड़ रूपये की लागत से संवेदक शैलेश सिंह द्वारा बनाई जा रही है। पूरी सड़क के बीच लगभग 1300 मीटर पीसीसी एवं बाकी बीटी सड़क का निर्माण करना है, लेकिन कार्य के संवेदक द्वारा पुरानी पीसीसी सड़क के उपर हीं लगभग 4-5 इंच मोटी नयी पीसीसी सड़क की ढ़लाई किया जा रहा है। यह आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। ढलाई किया गया पीसीसी सड़क पर पानी का क्यूरिंग भी सही से नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में ग्रामीण मुंडा कुशल लागुरी ने बताया की सड़क निर्माण में कितने इंच मोटी पीसीसी सड़क की ढ़लाई करना है उसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है।.अभियंता व संवेदक के कर्मचारी भी स्पष्ट कुछ नहीं बताते है। कार्य से संबंधित कोई बोर्ड भी नहीं लगा है जिससे इस सड़क का प्राक्लन, कार्य प्रारम्भ व समाप्ति की तिथि आदि की जानकारी मिले। ग्रामीणों की शिकायत पर कुछ दिन पूर्व जांच हेतु अभियंता आये थे एवं जांच कर गये थे। पता नहीं चला कि जांच में क्या हुआ अब तक खुलाशा नहीं किया गया है।जबकी यह सड़क ग्रामीण कार्य विभाग चाईबासा से बन रही है।जिसका जेई अशोक कुमार है और राधेश्याम मांझी कार्यपालक अभियंता तथा संजय कुमार सिंह सहायक अभियंता हैं। वहीं उक्त सड़क का निर्माण कार्य का प्रथम चरण में जांच हुआ था, जिसमें बालू रिजेक्ट किया गया था। साथ ही जेएसबी का थिकनेस कम पाया गया है था।

सड़क निर्माण कार्य में यदि अनियमितता बरती जा रही है तो हम खुद जांच कर लेगें या फिर गुणवक्ता जांच दल यानी क्वालिटी जांच टीम के द्वारा सड़क का जांच कराया जायेगा।साथ ही नये नियम के अनुसार यदी कहीं पीसीसी सड़क पहले से बना हुआ है और रिपेरिंग करना है तो उस सड़क पर 5-6 इंच नया डलाई करना है। कि पिछले दिनों उक्त सड़क की गुणवक्ता और थिकनेस का जांच करने के दौरान बालू को रिजेक्ट किया गया था और थिकनेस कम पाया गया था इस पर उन्होनें कहा की हमारा कनिय अभियंताओं द्वारा जांच किया था लेकिन अब मैं स्वंय जांच करूंगा।
राधेश्याम माझी कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग

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