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पुर्वी सिंहभूम जिले के घाटों पर विभागीय संरक्षण में हो रहा बालू का अवैध उठाव

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने डीएमओ की भूमिका को बताया संदेहास्पद, उपायुक्त से जांच की मांग की

जमशेदपुर : जमशेदपुर के विभिन्न बालू घाट चौबीस घंटे हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार और विभागीय पदाधिकारी को कठघरे में खड़ा करते हुए कई कड़े सवाल किए हैं। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने स्वर्णरेखा नदी से पुर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत विभिन्न बालू घाटों पर भ्रष्ट पदाधिकारियों के मिलीभगत से अवैध रेत खनन का आरोप लगाया। मंगलवार को जारी प्रेस-विज्ञप्ति में कुणाल षाड़ंगी ने डीएमओ की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कहा कि जिला खनन पदाधिकारी और चंद भ्रष्ट स्थानीय नेता व स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में जिले के दर्जनों घाटों पर अवैध रेत खनन किया जा रहा है। जिसकी निष्पक्ष जांच की मांग उन्होंने जिला उपायुक्त से की है। उन्होंने कहा कि जिले के श्यामसुन्दरपुर, डोमजूड़ी, कैमा, पानीपाड़ा, नागुड़साई, बर्निपाल, मधुआबेड़ा, बामडल, बरनीपाल, गुहियापाल समेत अन्य घाटों पर बालू का खुलेआम लूट जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में टास्क फ़ोर्स बनाकर बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के आदेश की डीएमओ, स्थानीय प्रशासन एवं चंद भ्रष्ट जनप्रतिनिधि के साठगांठ से खुलेआम धज्जियां उडाई जा रही है। जिससे झारखंड को रेत उत्खनन और परिवहन से राजस्व में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) की भूमिका को भी संदिग्ध बताते हुए कहा कि डीएमओ लग्ज़री बीएमडब्ल्यू कार में बैठकर घाटों का निरीक्षण करने जाते हैं। उन्हें यह बताना चाहिये कि क्या यह कार उन्हें सरकार ने उपलब्ध कराई है? अगर ऐसा नही है तो उन्हें बताना होगा कि यह कार किनकी है! श्री षाड़ंगी ने कहा कि अवैध खनन से राज्य को राजस्व नुकसान के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने विभागीय पदाधिकारी के संरक्षण में रेत की खूलेआम लूट पर जिला उपायुक्त से जांच की मांग कर तमाशबीन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने कार्रवाई ना होने पर भाजपा की ओर से जल्द ही बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

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