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सेल को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उत्पादन लागत में कमी लाना जरूरी : आर के गोप

संगीता पाण्डेय रिपोर्टर
चाईबासा। गुवा टीम वर्क एवं कार्य संस्कृति को बदलकर ही गुवा खदान को प्रगतिशील औद्योगिक संस्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है महाप्रबंधक एस पी दास तकनीक के उपयोग से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार पूरे विश्व में 2030 तक 3 करोड़ लोगों का रोजगार समाप्त हो जाएगा। मुख्य महाप्रबंधक विपीन कुमार गिरी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय -जमशेदपुर के तत्वावधान में गुवा लौह अयस्क खदान(सेल) मे दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ 17 अक्टूबर,22 को किया गया। मानव संसाधन विकास केन्द्र में “सांगठनिक उत्कृष्टता हेतु इंडस्ट्री-4.0 विषय पर संगोष्ठी का उद्धघाटन मुख्य अतिथि गुवा माइंस के महाप्रबंधक(माइन्स/ईएंडएल) एसपी दास ने विधिवत किया। महाप्रबंधक एसपी दास ने अपने सम्बोधन में कर्मचारियों के दक्षता तथा ज्ञान अभिवर्द्धन हेतु बोर्ड द्वारा आयोजित संगोष्ठी को जरूरी बताया। उन्होंने खदान के प्रगति हेतु सांगठनिक प्रतिवद्धता के साथ अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान कर्मचारियों से किया। आगे महाप्रबंधक श्री दास ने कहा कि टीम वर्क एवं कार्य संस्कृति को बदलकर ही गुवा खदान को प्रगतिशील औद्योगिक संस्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है।इस अवसर पर महाप्रबंधक(मेकेनिकल)
सी बी कुमार, ने अपने सम्बोधन में कर्मचारियों से कार्यस्थल पर हर तरह के बर्वादी को रोकने का सलाह दिया। ताकि उत्पादन लागत में कमी लाई जा सके।इस अवसर पर बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने अपने सम्बोधन में कहा कि भूमंडलीकरण,आर्थिक उदारीकरण तथा आधुनिकीकरण के इस दौर में सेल को विश्वस्तरीय तथा प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए कर्मचारियों को उत्पादन लागत में कमी,उत्पादकता तथा गुणवत्ता में वृद्धि ही एक मात्र विकल्प होगा।आगे उन्होंने कहा कि भारत के उद्योगों में इंडस्ट्री-4.0 का सिद्धांत को अपनाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य स्किलिंग,री-स्किलिंग तथा अप-स्किलिंग है। इससे कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि होती है तथा इसका सीधा असर उत्पादन लागत तथा गुणवत्ता पर पड़ता है। आगे श्री गोप ने भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी से उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कर्मचारियों को आगाह करते कहा कि इसका उपयोग से कम्पनियों में उत्पादन लागत में कमी तो लाई जा रही है। लेकिन दूसरी ओर इस तकनीक के उपयोग से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार पूरे विश्व में 2030 तक 3 करोड़ लोगों का रोजगार समाप्त हो जाएगा।इस अवसर पर अनिल कुमार, उप महाप्रबंधक(मा0सं0वि0) ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया। तथा अपने सम्बोधन में उन्होंने श्री गोप के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी गुवा माइन्स के लिए भविष्य में अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है। इस संगोष्ठी में खदान के विभिन्न विभागों के 27 कर्मचारी उपस्थित थे।संगोष्ठी को सफल बनाने में वाहिद अहमद एवं राज विकास प्रसाद,अमरीक सिंह आदि का अहम योगदान रहा।

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