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प्रगति सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बिरसानगर विद्यालय में हिंदु नव वर्ष एवं आरएसएसके संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती’ मनाई गई

जमशेदपुर। मंगलवार को ‘प्रगति सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बिरसानगर’ विद्यालय में ‘विक्रम संवत २०८१ हिंदु नव वर्ष एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी की जयंती’ बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। सर्वप्रथम विद्यालय के भैया/बहन घोष दल और आचार्यों के साथ प्रभात फेरी के लिए गए जिसका उद्देश्य समाज को अपने धर्म एवं हिंदु नव वर्ष के महत्व को बताना। प्रभात फेरी के बाद विद्यालय में कार्यक्रम हुए जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री हरि ओम अग्रवाल (स.शि.वि.मं बागबेड़ा विद्यालय के पूर्व छात्र एवं जमशेदपुर महानगर के विद्यार्थी प्रमुख),विद्यालय के अध्यक्ष श्री भोला कुमार मंडल, उपाध्यक्ष श्री वी. जयशंकर और प्रधानाचार्य श्री अभिलाष गिरी ने दीप प्रज्वलित कर किया। वंदना के पश्चात प्रधानाचार्य ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया तथा अध्यक्ष जी के द्वारा मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। विद्या मंदिर की बहनों द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया। गीत के बोल थे ‘देश में घनघोर तम था, मातृ भू की दुर्दशा….’। आचार्या लीना नैय्यर के द्वारा भैया/बहनों को विक्रम संवत और नव वर्ष के महत्व को बताया गया। तत्पश्चात बहनों ने देश भक्ति ‘चंदन है इस देश की माटी, बच्चा-बच्चा राम है….’ गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद मुख्य अतिथि के द्वारा बौद्धिक दिया गया। उन्होंने हिंदू संस्कृति के नींव की गहराई को बताया और आज के दिन के महत्व का पंक्तिबद्ध वर्णन करते हुए कहा कि आज ही के दिन ब्रह्मा जी ने १५६ करोड़ वर्ष पूर्व सृष्टि की रचना की थी, राजा श्रीरामचन्द्र जी और युधिष्ठिर जी का राज्याभिषेक किया गया था, राजा विक्रमादित्य जी के द्वारा विक्रम संवत की स्थापना की गई थी, इसी दिन से हिंदू पंचांग की गणना की जाती है, इसलिए हम आज नव वर्ष मनाते हैं और आज से चैत्र नवरात्र का भी प्रारंभ होता है। स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने आज ही के दिन ‘आर्य समाज’ की स्थापना की थी और संत झूलेलाल एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ बलिराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस भी आज ही है । कार्यक्रम प्रमुख आचार्य अरूण बंसल एवं मनोज दास के निर्देशन में कार्यक्रम का संचालन आचार्य श्री अंजय मोदी ने किया तथा सभी आचार्यों के सहयोग से कार्यक्रम भली-भांति संपन्न हुआ। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रमुख आचार्य अरुण बंसल द्वारा दिया गया और अंत में शांति मंत्र के द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ और भैया/बहनों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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