साकची गुरुद्वारा में संगत ने जाना तारु जी की शहीदीगाथा को, हुआ कीर्तन दरबार आयोजन
भाई तारु जी की शहीदी को समर्पित की गयी सावन की संग्रांद
जमशेदपुर। साकची गुरुद्वारा में सावन माह की संग्राद पर आयोजित कीर्तन दरबार सिख कौम के महान भाई तारु जी की शहीदी को समर्पित किया गया। रविवार को साकची गुरुद्वारा साहिब संगत भाई तारु जी की जीवनगाथा से रु-ब-रु होकर उनके बलिदान को याद किया।
इस पावन अवसर पर “सावन सरसी कामनी, चरन कमल सिउ पियार”….. शब्द गायन कर सावन माह का स्वागत किया गया। भाई साहिब भाई तारु सिंह जी की शहीदी को समर्पित कीर्तन दरबार में सबसे पहले सुखमणि साहिब कीर्तनी जत्था की माताओं ने कीर्तन गायन किया तदुपरांत सिख स्त्री सत्संग सभा साकची की बीबीयों ने शब्द-कीर्तन किया। भाई साहब भाई कर्मवीर सिंह राजपुरा (हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा साहिब साकची) ने जब “सबना का मां पियो आप है, आपे सार करे”… कीर्तन गायन किया तो सारी संगत मंत्रमुग्ध हो गयी। इस अवसर पर बच्ची इंदरप्रीत कौर को ही शब्द गायन करने का मौका मिला और उन्होंने मधुर कीर्तन कर संगत का दिल जीत लिया। भाई साहब भाई अमृतपाल सिंह (ग्रंथि गुरुद्वारा साहिब साकची) ने संगत के साथ गुरमत विचार साझा किए जिसमें उन्होंने सावन की संग्राद के विषय में बताया तथा भाई साहब भाई तारु सिंह जी की शहीदी पर प्रकाश डाला की किस प्रकार उनकी खोपड़ी उतार दी गई थी तथा कई यातनाएं दी गई थी पर उन्होंने सिखी सिदक नहीं हारा। कीर्तन दरबार की समाप्ति के उपरांत गुरु का अटूट लंगर बरताया गया।
संग्रांद कीर्तन दरबार में सीजीपीसी के चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, सरदार नरेंद्रपाल सिंह भाटिया, सरदार सतबीर सिंह सोमू, सरदार चंचल सिंह, सरदार कुलविंदर सिंह पन्नू भी शामिल हुए।
संग्रांद को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन सरदार महेंद्र सिंह, सरदार सतनाम सिंह घुम्मन, सरदार परमजीत सिंह काले, सरदार जसवीर सिंह गांधी, सरदार जोगिंदर सिंह जोगी, सरदार सुरजीत सिंह जी छीते, सरदार सतपाल सिंह राजू, सरदार दलजीत सिंह, सरदार जगमिंदर सिंह, सरदार बलबीर सिंह धंजल, सरदार अमरपाल सिंह, सरदार नानक सिंह, सरदार मनोहर सिंह जी मीते, सरदार त्रिलोचन सिंह जी तोची, सिख स्त्री सत्संग सभा की बीबी पिंकी कौर, बीबी मंजीत कौर, बीबी अमरीक कौर, सुखमनी साहिब कीर्तनी जत्था की ओर से बीबी बलविंदर कौर, बीबी रणजीत कौर, बीबी कमलजीत कौर, बीबी राजबीर कौर आदि शामिल थे। मंच का संचालन सरदार सुरजीत सिंह छीते ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महासचिव सरदार परमजीत सिंह काले ने किया।