सरकार पर हावी 35 हाजार सहिया. सहियाओं मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किये.डॉ संजय गिरी.
झारखंड के 24 जिलों से सुबह 10 बजे से पहुंचने लगे सहिया. लिखित आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन हटाया गया
राँची:- झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के बैनर तले गुरुवार को रांची स्थित मोराबांधी मैदान में सहियाओं की जिला जिला स्तरीय आंदोलन हुई. आंदोलन के साथ नारेबाजी करते करते सहियाओं ने मोराबंधि मैदान से उपायुक्त आवास तक विशाल रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया.सहियाओं की आंदोलन को देख कर प्रशासन की टीम ने एसडीओ बात करने के लिए आये.हंगामे को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिये फायर ब्रिगेड व वाटर कैनिंग गाड़ी को रखा गया था. हंगामा जब बढ़ने लगा तो वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया. स्वास्थ्य सहिया और आशा कार्यकर्ता प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे थे.उसके बाद सभी सहियाओं में से 10 प्रतिनिधिमंडल मौसुना साहू,किरण पासवान, ममता मंडल,आसा कुमारी,रेखा सोनी,साईरा खातुन गये रांची के स्वास्थ्य सचिब आलोक त्रिवेदी से बातचीत करने के लिए गये. करीब 3 घंटा बाद बातचीत करने के बाद उन लोग आंदोलन स्थल पर पहुंचे. कि बताया गया कि 3 महीना का लिखित समय दिया गया है,उसमें से फिक्स सैलरी के लिये वही प्रतिनिधिमंडल को दोबारा कुछ दिन बाद बुलाया जाएगा.कोरणा काल में हर महीने एक हजार रुपिया सैलरी देने के लिए सरकार वादा की थी और वह पैसा कुछ कुछ जिलों में जाना अभी बाकी है. इस विषय पर स्वास्थ्य सचिव आलोक त्रिवेदी ने बताया हम अभी अबिलम्ब 1 हफ्ते के अंदर उसी फाइल को मंगाते हैं फिर एक हफ्ता के अंदर बाकी रह चुके सहियाओं को पैसा दिया जाएगा.
आंदोलन में मुख्य नेतृत्वकर्ता संपूर्ण मानवता कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ संजय गिरी रहे. इस अवसर पर संजय गिरी ने कहा कि कोविड-19 के समय अपनों ने जहां साथ छोड़ दिया था उस समय सहियाओं ने सर पर कफन बांध कर स्वास्थ्य व्यवस्था को बहाल रखा. इसके बावजूद उनकी मांग पर सरकार या सरकार के प्रतिनिधि बात करने को तैयार नहीं हैं. यह बहुत दुख की बात है.बहुत जल्द सहियाओं के मामले को लेकर राज्यपाल तथा स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर बात की जाएगी. राज्य में कुल 42000 सहियाएं हड़ताल पर हैं. इससे ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इस मंच से सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द सहियाओं की मांग पर सरकार सकारात्मक पहल करें.