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सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा लेने की कार्ययोजना बनायें : अनन्य मित्तल, जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त

जमशेदपुर।समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में आयुष्मान भारत से संबद्ध जिले के अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, भुगतान एवं अन्य समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई । आठ निजी अस्पताल/ नर्सिंग होम व अनुमंडल अस्पताल घाटशिला एवं सीएचसी डुमरिया में आयुष्मान योजना के तहत इलाज की समीक्षा की गई। बैठक में अस्पतालों द्वारा आयुष्मान योजना लाभार्थियों के गलत डाक्यूमेंट अपलोड किए जाने पर भुगतान में आ रही समस्या पर चर्चा की गई । अस्पताल एवं निजी नर्सिंग होम संचालकों ने बताया कि कतिपय मामलों में मानवीय भूल के कारण ऐसा हुआ जिसमें सुधार किया जा रहा है। उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन को जांचोपरांत एवं पुन: डॉक्यूमेंट वेरिफाई करने पर भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाने हेतु अपेक्षित कार्रवाई किए जाने का निदेश दिया गया ।

इसके अलावे जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन एवं सभी एमओआईसी के साथ आयुष्मान भारत योजना की राशि का उपयोग किए जाने एवं अस्पतालों के रखरखाव की योजना पर चर्चा की गई। उन्होने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से जो राशि अस्पतालों को प्राप्त होते हैं, उस राशि का उपयोग सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा लेने में किया जा सकता है, ताकि लोगों को रेफर नहीं करना पड़े। इसके लिए उन्होने कार्ययोजना बनाते हुए 15 जनवरी तक अनुमंडल अस्पताल एवं सभी सीएचसी के लिए दो-दो चिकित्सक की सेवा लेना शुरू करने की बात कही ।

साथ ही जिले के वरीय पदाधिकारियों द्वारा प्राय: देखा जा रहा है कि पंचायत क्षेत्र भ्रमण के क्रम में हेल्थ सब सेंटर या तो बंद रहते हैं या खुला रहने पर सीएचओ व एएनएम अनुपस्थित पाये जाते हैं। उपायुक्त द्वारा सभी एमओआईसी को सख्त निर्देश दिया गया कि हेल्थ सब सेंटर में सीएचओ एवं एएनएम की उपस्थिति सुनिश्चित करायेंगे। उन्होने कहा कि प्राथमिक स्तर पर आम जनता को इलाज उपलब्ध हो इस उद्देश्य से हेल्थ सब सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, लोगों को उनके पंचायतों में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने में संसाधन एवं मानव बल का बेहतर उपयोग हो इसे सुनिश्चित करें। साथ ही अस्पतालों के बेहतर रखरखाव को लेकर भी उन्होने सभी एमओआईसी एवं स्वास्थ्य विभागीय जिला स्तरीय पदाधिकारी को निर्देशित किया। उन्होने कहा कि इलाज के साथ-साथ मरीजों को बेहतर वातावरण मिले चाहे वो साफ-सफाई हो या पेयजल, शौचालय, रंग-रोगन, उपकरणों का उचित रखरखाव या अन्य बुनियादी सुविधायें इसपर संवेदनशील होकर कार्य करें।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, डॉ रंजीत पांडा, सभी एमओआईसी तथा गंगा मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर, मर्सी अस्पताल, सेंट जोसेफ अस्पताल, लक्ष्मी नर्सिंग होम, साईं पॉली क्लिनिक एवं नर्सिंग होम, एएसजी आई हॉस्पिटल, पूर्णिमा नेत्रालय, सिंह नर्सिंग होम घाटशिला के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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