पटना । राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने लोकआस्था के महापर्व के शुभ अवसर पर पटना सिटी के मितान घाट स्थित गंगा नदी किनारे उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दी। श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि लोक आस्था का महापर्व छठ अपनी पवित्रता एवं शुद्धता के लिए तो प्रसिद्ध है ही इसका समावेशी चरित्र भी अद्भुत है। इस महापर्व में समाज के सभी तबकों की भागीदारी इसे और खास बना देती है। हां, इस त्योहार में धार्मिक कम कर्मकांड का कोई स्थान नहीं। किसी खास मंत्र की अनिवार्यता नहीं। पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली तमाम सामग्रियां सहज और सर्वसुलभ होती है। यह पर्व बड़ी संख्या में लोगों को कमाई का अवसर भी उपलब्ध कराती है। चाहे सूप, दौउरा और मिट्टी का चूल्हा व बरतन बनाने वाले हो या सब्जी_ फल का व्यवसाय करने वाले सभी को यह कुछ ना कुछ आर्थिक लाभ देकर जाती है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि छठ पूजा कृषि, प्रकृति के साथ ही अंत: करण को शुद्ध करने का पर्व है। यह बिना कोई तामझाम व पुरोहित के स्वयं की पूजा है। यह पूजा निरोग काया,अन्न धन,सुख शांति के लिए किया जाता है। इसमें सेवा व सहयोग की प्रधानता होती है। पूजा के साथ-साथ प्रकृति का भी हमारी संस्कृति में बहुत बड़ा योगदान है, इसका आदर्श उदाहरण ‘पूजा’ है, जिसमें प्रकृति प्रदात्त वस्तुओं का उपयोग किया जाता है, जैसे फूल, फल आम के पत्ते, केले के पत्ते, चावल, पान के पत्ते, नारियल, गन्ना, हल्दी, चंदन आदि। संस्कृतिक रूप से छठ पूजा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसकी सादगी, पवित्रता और प्रकृति के प्रति प्रेम है। पूजा के बाद भी केले के पत्ते में प्रसाद और भोजन परोसा जाता है। केले का प्रयोग ज्यादातर पूजा में की जाती है, क्योंकि केला एक ऐसा फल है, जिसमे बीज नहीं होते। छठ सभी पर्वों में विशिष्ट है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि इसमें प्रत्येक व्यक्ति संयमित व स्वच्छ जीवन जीने का प्रयास करता है। घरों के साथ ही अपने आसपास की साफ- सफाई की जाती है। हालांकि स्वच्छता का मतलब, बाहर के साथ अंदर की गंदगी को साफ करना भी है। छठ मर्यादा का पर्व है। जिस प्रकार बिना जल के नदी का कोई महत्व नहीं है। उसी प्रकार बिना मर्यादा के मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं है। छठ के दौरान खानपान भी शुद्धता रहते हैं। इसका अनुकरण पूजा के बाद भी करना चाहिए। छठ पर्व पर शपथ लेनी चाहिए कि हमेशा शुद्ध आचरण व व्यवहार का निर्वहन करेंगे।
Related Articles
रंग सारे खिल गए…
December 25, 2024
उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास का इस्तीफा राष्ट्रपति ने की मंजूर, कई राज्य के राज्यपाल बदले गए
December 24, 2024
कांग्रेसियों ने निकाला बाबा साहेब अंबेडकर सम्मान मार्च
December 24, 2024