सचिव के इशारे पर 48 घंटे के अंदर रुकी पादरी की बहाली। चर्च के पादरी ने लगाया न्याय की गुहार।* *पादरी ने आरोप लगाया कि सचिव भूतपूर्व डॉक्टर पीटर बलदेव के इशारे पर कार्य कर रहा है
प्रयागराज।डायोसिस ऑफ लखनऊ (सीएनआई) से हाल ही में कुछ पादरियों की बहाली कर दी गई थी, जिसमें एक नाम वाराणसी के पादरी आदित्य कुमार ठाकुर का भी था परंतु डायोसिस ऑफ लखनऊ में चल रही राजनीति और चाटुकारिता के चलते एक बार फिर सचिव मनीष ज़ैदी के इशारे पर पादरी आदित्य कुमार ठाकुर की बहाली को रोक दिया गया है।
आप को बताते चले कि पादरी आदित्य कुमार ठाकुर वाराणसी के सैंट पॉल चर्च के प्रेसिबिटर इंचार्ज रह चुके हैं तथा पूर्व बिशप पीटर बलदेव के कार्यकाल में बकाये वेतन का भुगतान ना करते हुए पादरी को निकाल दिया गया था, जिसके बाद पादरी ने शासन को पत्र लिख कर जाँच की माँग किया तथा कार्यवाही चलती रही। इसी बीच पीटर बलदेव को उसके पद से भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद पादरी को एक बार फिर न्याय मिलने की आस जगी। हाल ही में डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप मोरिस एडगर दान ने ससम्मान पीटर बलदेव के कार्यकाल में निकाले गए पादरियों को बहाल किया और उसमें एक नाम पादरी आदित्य कुमार ठाकुर का भी था। पादरी ने बताया उनके साथ हो रहे उत्पीड़न के चलते उनके सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा हो चुके हैं जिसका सदमा उनकी पत्नी को लगा । परिणाम स्वरूप उनकी पत्नी को पिछले में हार्ट अटैक पड़ने के कारण उनको भर्ती कराया गया जहाँ उनका इलाज किया गया। उनके बहाली रोक दे गई लेकिन पादरी आदित्य कुमार ठाकुर को सूचित नहीं किया गया
*पादरी ने एक बार फिर डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप मोरिस एडगर दान से न्याय की गुहार लगायी है।*