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श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ा जनसैलाब

रिपोर्ट विश्वकर्मा सिंह
चाकुलिया ;श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं की जनसैलाब उमड़ पड़ी. झारग्राम जिला के बेलपाहाड़ी प्रखंड अंतर्गत श्री श्री दक्षिनाकाली मंदिर चेकुआपाल में हरिद्वार से आये स्वामी हंसानन्द गिरि ने गोपी गीत, रास लीला, मथुरा गमन, कंस वध, रुक्मिणी विवाह की कथा सुनायी. श्रद्धालुओं ने आनंद से कथा सुनी. प्रत्येक पाठ का कथा सुनाते हुए गोपी गीत भगवान कृष्ण को साक्षात् पाने का मन्त्र है भगवान कृष्ण को पाने के जितने भी तरीके हैं या होंगे उनमे से एक गोपी गीत है. रास लीला एक रात होती है जब वृन्दावन की गोपियाँ कृष्ण की बांसुरी की आवाज़ सुनकर अपने घरों और परिवारों से रात भर कृष्ण के साथ नृत्य करने के लिए जंगल में छिप जाती हैं. भागवत पुराण में कहा गया है कि जो कोई भी ईमानदारी से रास लीला को सुनता है या उसका वर्णन करता है वह कृष्ण की शुद्ध प्रेमपूर्ण भक्ति को प्राप्त करता है. कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया. वही कथा स्थल पर रूकमणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. श्रीकृष्ण रुकमणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई. कथावाचक हंसानन्द गिरि ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है जैसे मार्मिक प्रसंग सुनाकर भक्तों को भाव विभोर किया. इस मौके पर कथा आयोजक सेवानिवृत्त सैनिक गोविंद नायक, अलका नायक, डाॅ परोषोत्तम नायक, छवी नायक, पुतुल नायक, सुकांत नायक, परिमल सीट, प्रशांत नायक, विद्युत नायक, शरथ नायक एवं अन्य लोग मौजूद थे.

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