शोभा यात्रा के साथ रविवार को शुरू होगा ‘सफर-ए-शहादत’, 80 दिनों से चल रहे सहज पाठ का होगा समापन
सभी समुदाय के लोग हो शहीदी सप्ताह में शामिल, चार साहिबजादों का बलिदान हिंदू धर्म पर ऋण है: भगवान सिंह
जमशेदपुर। शहीदों के सरताज चार साहिबजादों के बलिदान को समर्पित शहीदी सप्ताह ‘सफर-ए-शहादत’ का आगाज रविवार को शोभा यात्रा, नेत्र जांच और रक्तदान शिविर लगाकर श्री गुरुद्वारा सिंह सभा मानगो में किया जायेगा। साथ ही साथ 80 दिनों से संगति रूप में चल रहे सहज पाठ का समापन भी रविवार को होगा।
शनिवार को सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने सिख संगत के साथ-साथ अन्य सभी समुदाय के लोगों से भी अपील की है कि शहीदी सप्ताह में शामिल होकर साहिबजादों के बलिदान को याद करें। हिन्दू धर्म व आम जन की रक्षा के लिए दी गई यह शहादत सर्वोच्च है।
भगवान सिंह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह पुत्रों की शहीदी हिन्दू धर्म पर एक ऋण है जिन्होंने अन्याय और अधर्म के विरुद्ध डटकर मुकाबला करने का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराया है। इस दौरान सिख समाज शोक में डूबा हुआ रहेगाा, शहीदी सप्ताह के दौरान उत्सव का कोई कार्य सिख समाज में नहीं किया जाएगा।
मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने बताया कि शहीदी सप्ताह ‘सफर-ए-शहादत’ के मद्देनजर अगामी 22 और 23 दिसंबर को मानगो गुरुद्वारा जबकि 24 से 27 दिसंबर तक साकची गुरुद्वारा साहिब में महान कीर्तन दरबार के आयोजन के साथ-साथ सिख पंथ के प्रचारक सुखप्रीत सिंह उधोके शहीदी गाथा को कथा के रूप में प्रस्तुत करेंगे।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, मानगो, समूह साध संगत और गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची के सहयोग से आयोजित होने वाले ‘सफर-ए-शहादत’ सप्ताह के आयोजन पर विस्तृत जानकारी देते हुए मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने बताया कि 22 दिसंबर, रविवार को सुबह 6 बजे एक शोभा यात्रा का आयोजन किया जायेगा जो की मानगो गुरुद्वारा से शुरू होकर डिमना रोड होता हुआ गोल्डी होटल गोलचक्कर से मस्जिद रोड होती हुई वापस मानगो गुरुद्वारा में समाप्त होगी। इसी दिन मानगो गुरुद्वारा में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक रक्तदान शिविर लगाया जायेगा जबकि शाम के दीवान में सहज पाठ की समाप्ति की जाएगी जिसका सारा क्रियाकलाप बीबियों द्वारा किया जायेगा। 23 दिसंबर को सोधर से लेकर समाप्ति तक सभी नियम बच्चों द्वारा सम्पादित किये जायेंगे।
‘सफर-ए-शहादत’ को आगे जारी रखते हुए आगे के विशेष कार्यक्रम साकची गुरुद्वारा मैदान में 24 से 27 दिसंबर तक शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित किये जायेंगे जहाँ जमशेदपुर के कीर्तनीये संगत को सबद कीर्तन से निहाल करेंगे।
‘सफर-ए-शहादत’ का हिस्सा बनने के लिए पंथ के महान प्रचारक सुखप्रीत सिंह उधोके विशेष तौर पर पंजाब से जमशेदपुर पहुंच रहें है जो संगत को साहिबजादों, माता गुजर कौर और अनेक सिख शहीदों की शहीदीगाथा को कथा के रूप में प्रस्तुत करेंगे।
सरदार भगवान सिंह और जसवंत सिंह जस्सू ने अपील करते हुए कहा कि गुरु रूप संगत स्वयं ‘सफर-ए-शहादत’ में हाजरी भरें साथ ही अपने बच्चों और अन्य को शहीदी सप्ताह में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। ‘सफर-ए-शहादत’ इतिहास ज्ञान, कीर्तन दरबार, कथा, प्रचार का ज्ञान अर्जन करने आयी संगत के लिए गुरु का अटूट लंगर बरताया जायेगा।