जमशेदपुर । विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए, आसपास के क्षेत्र में वनीकरण अभियान के हिस्से के रूप में नोआमुंडी में मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति को अपना कर वृक्षारोपण किया गया I जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी द्वारा परिकल्पित, इस पद्धति को स्वदेशी पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने के लिए विकसित किया गया है जिसके तहत देशी पेड़ों को छोटे हिस्से के भीतर सघन रूप से लगाया जाता है। अन्य वृक्षारोपण तकनीकों की तुलना में 30 गुना घनत्व के साथ, मियावाकी विधि कम समय में तेजी से हरित आवरण विकसित करने में मदद करती है।रत्नाकर सुनकी, निदेशक खान सुरक्षा (मैकेनिकल), दक्षिण पूर्वी क्षेत्र, रांची ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और अतुल कुमार भटनागर, जेनरल मैनेजर (ओएमक्यू), विभिन्न विभागों के हेड, कंपनी के कर्मचारियों और उनके जीवन साथी के साथ पौधे लगाए।सुनकी ने अन्य पारंपरिक पद्धतियों की तुलना में कम समय और स्थान में हरित आवरण बनाने के लिए टाटा स्टील द्वारा अपनाई गई वृक्षारोपण पद्धति की सराहना की।इस अवसर पर 780 पौधे रोपे गए, जिसमें नोआमुंडी बफर जोन में उपलब्ध 23 स्थानीय प्रजातियां शामिल हैं। वन प्रजातियों के अंतर्गत आने वाली प्रजातियों में शामिल हैं- कुसुम, महुआ, करंज, बहेड़ा, गम्हार, साल, अमरा, नीम, पलाश, केंदू, फिकस और आसन। फल देने वाली किस्में हैं- आम, जामुन, कटहल और बेर।जबकि, डेढ़ साल में, पौधे वन आधार रेखा तैयार कर लेंगे, ये तीन साल में लगभग 5 फीट की ऊंचाई के साथ स्व-निर्भर होंगे, जहां किसी रखरखाव की आवश्यकता नहीं है।इस अवसर पर, इसी तरह के वृक्षारोपण अभियान नोआमुंडी और काटामाटी आयरन माइन में चलाए गए जहां कुल 300 पौधे लगाए गए।आने वाले दिनों में नोआमुंडी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर इस तरह के वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएंगे।
Related Articles
मानगो में अमरनाथ गुट के टोनी की गोली मारकर हत्या
November 16, 2024
बाल दिवस के अवसर पर एजुकेट गर्ल्स संस्था ने रायबरेली के 50 स्कूलों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया विशेष कार्यक्रम का आयोजन
November 15, 2024
सतगुरु नानक परगटिया से गूंजी लौहनगरी
November 15, 2024
गुरु पर्व मानवता के लिए प्रेम और सेवा का संदेश : सुधीर कुमार पप्पू
November 15, 2024