विश्व आदिवासी दिवस सेंगेल अभियान 5 राज्यों में संकल्प दिवस के रूप में मनाएगा : सालखन मुर्मू
जमशेदपुर। 9 अगस्त – “विश्व आदिवासी दिवस” को आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा 5 प्रदेशों में संकल्प दिवस के रूप में मनाएगा। जिसमे निम्न 5 प्रमुख मांगों की प्राप्ति/मान्यता संबंधी ज्ञापन- पत्र लगभग 250 प्रखंडों में स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी के मार्फत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जायेगा। 5 प्रदेशों के करीब 500 केंद्रीय कौन्सिल के सेंगेल नेताओं ने वर्चुअल बैठक में इस पर सहमति प्रदान किया है। यह बाते प्रेस बयान जारी कर पूर्व सांसद एवम आदिवासी आदिवासी सेगल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने कही। उन्होंने बताया की
आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम में सुधार लाने के लिए अविलंब जनतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों और व्यवहार का समावेश किया जाए। भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को “सरना धर्म कोड” को अविलंब मान्यता देकर जनगणना में शामिल किया जाए। भारत की एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त (आठवीं अनुसूची में शामिल) बड़ी आदिवासी भाषा- संताली भाषा को अविलंब झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए। असम और अंडमान में शताब्दियों से बस गए झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया जाए। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन, 15 नवंबर 2000 को स्थापित झारखंड प्रदेश (दिशोम) मूलतः आदिवासी प्रदेश है। आदिवासियों का गढ़ है। इसको लुटने- मिटने से बचाने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी प्रावधानों को सकारात्मक रूप से सक्रिय किया जाए।