FeaturedJamshedpurJharkhandPolitics

विधायक सरयू राय ने एसएसपी को पत्र लिखकर मंत्री के वायरल अश्लील वीडियो में कई बिंदुओं पर की जांच की मांग

जमशेदपुर : पूर्वी के विधायक सरयू राय ने जिले के एसएसपी प्रभात कुमार को पत्र के माध्यम से जानकारी साझा करने की बात कही है। जिसमें उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें जानकारी मिल रही है कि स्वास्थ्य मंत्री के वायरल वीडियो पर मामला दर्ज कर पुलिस ने न्यायालय में भेज दिया है। इस बारे में जांच के बिन्दु पुलिस द्वारा सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। चुंकि यह वीडियो राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से संबंधित है और जो जमशेदपुर पश्चिम से विधायक भी हैं। इस आशय की प्राथमिकी भी उन्हीं के द्वारा एसएसपी को भेजे गए एक पत्र के आधार पर दायर की गई है। इसलिए आवश्यक कि है जांच के बिंदु स्पष्ट एवं व्यापक हों। उन्होंने जांच के विषय में निम्नांकित बिंदुओं की ओर एसएसपी का ध्यान भी आकृष्ट कराया है। जिसमें
उन्होंने प्रासंगिक वीडियो के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि मंत्री और एक महिला के बीच हो रहे वीडियो चैट की स्क्रीन रिकॉर्डिंग की गई है। जिसका एक अंश ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। उन्होंने एसएसपी से कहा कि उनको मालूम है कि ‘स्क्रीन रिकॉर्डिंग एप’ के माध्यम से की गई यह रिकॉर्डिंग करीब 21 सेकंड की है। प्रथम दृष्टया इसमें कोई काट-छांट की गई हो, ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है। बावजूद इसके मंत्री बन्ना गुप्ता का बयान आया है कि इस वीडियो क्लिप में कट-पेस्ट किया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसमें माॅर्फिंग भी हो सकती है। पता नहीं वे माॅर्फिंग के बारे में कितना ज्ञान रखते हैं। परंतु 21 सेकंड का वीडियो क्लिप शुरू से अंत तक देखने से इसमें माॅर्फिंग की संभावना प्रतीत नहीं हो रही है।साथ ही उन्होंने कहा कि वीडियो क्लिप वायरल होने के दो दिनों बाद एक महिला की वीडियो रिकॉर्डिंग मंत्री के कार्यालय से सोशल मीडिया में प्रसारित की गई है। जिसमें उक्त महिला स्वीकार कर रही हैं कि इसमें उसकी तस्वीर है। वायरल हुए वीडियो क्लिप के बारे में वह भी वही बातें दोहरा रही हैं जो मंत्री जी पहले ही कह चुके हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि वह महिला मंत्री के साथ हुए अश्लील वार्तालाप को अपने पति के साथ हुआ अश्लील वार्तालाप बता रही हैं। साथ ही वह कह रही हैं कि उनके इस वार्तालाप की कटिंग-पेस्टिंग हुई। जिसमें मंत्री को जोड़ दिया गया है। परंतु महिला यह नहीं बता रही है कि वह कौन है? कहां रहती है? उनके पति कौन हैं? उन्होंने अपने पति के साथ यह वीडियो चैट कब किया है? क्या उन्होंने अपने पति के साथ ऐसी चैटिंग अक्सर करते रहती हैं? इस चैटिंग में वे यह नहीं बता रही हैं कि उन्होंने अपने पति के साथ हुई चैटिंग में अपनी ओर से जिस मोबाईल फोन का इस्तेमाल किया है। उसका नंबर क्या है? तथा उसके पति ने चैटिंग में जिस नंबर का इस्तेमाल किया है, उसका नंबर क्या है? वह फोन कहां है? इसके बारे में इस महिला से पुलिस को पूछताछ करने की आवश्यकता है। इसी तरह उन्होंने कहा कि इस महिला की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर आए दो दिन हो गए हैं। मगर यह आधिकारिक सूचना नहीं है कि पुलिस ने उस महिला की तलाश की है या नहीं? यह पता किया जाना चाहिए कि वास्तव में क्या यह महिला वही है। जिसका मंत्री महोदय से अश्लील वीडियो चैट विगत 23 अप्रैल को वायरल हुआ है या फिर कोई अन्य है। इसमें यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि पुलिस अब तक इस महिला के पति तक पहुंची है या नहीं? मेरी समझ से इस महिला और इसके पति का इस बारे में बयान लिया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसी तरह विगत 23 अप्रैल को वायरल हुए वीडियो चैट में माननीय मंत्री जी की भाव भंगिमा और उनके सामने प्रदर्शित की जा रही महिला की तस्वीर पर भी पुलिस द्वारा गौर किया जाना चाहिए। यदि माननीय मंत्री जी को इस चैट में कट-पेस्ट और माॅर्फिंग दिखाई पड़ती है तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि अगर वास्तव में इस महिला की भूमिका कट-पेस्ट कर वीडियो क्लिप में जोड़ी गई है तो मंत्री जी अपनी ओर से यह वार्तालाप किसके साथ कर रहे हैं? और इस वार्तालाप में वे मोबाइल पोजिशिनिंग के बारे में आगे पीछे करने का निर्देश किसे दे रहे हैं? तथा यह दृश्य उनके किस मोबाइल से सामने आ रहा है। इस बारे में माननीय मंत्री जी से सबसे पहले पूछताछ की जानी चाहिए। यदि माननीय मंत्री तथा संबंधित महिला और उसके पति के वक्तव्य में अंतर पाया जाता है तो मंत्री तथा उस महिला समेत उसके पति को आमने सामने बैठाकर पूछताछ भी की जानी चाहिए। मंत्री और संबंधित महिला का अश्लील वार्तालाप समाप्त होते ही फ्रेम में एक महिला की तस्वीर उभरती है। इस महिला के गले के ऊपरी हिस्से में एक मस्सा दिखाई पड़ता है। परंतु दो दिन पूर्व जिस महिला का वीडियो रिकॉर्डिंग मंत्री के कार्यालय से प्रसारित किया गया है। उसकी गर्दन पर मस्सा नहीं है। आंख का रंग तो लेंस के माध्यम से बदला जा सकता है। परंतु गला के ऊपरी भाग का मस्सा नहीं हटाया जा सकता। जिससे सवाल उठता है कि क्या मंत्री के साथ अश्लील वार्ता में भाग ले रही महिला और दो दिन पहले रिकॉर्डिंग वीडियो प्रस्तुत करने वाली महिला एक ही हैं या अलग अलग। इस बारे में पुलिस को स्पष्ट जबाव देना चाहिए। यदि पुलिस मंत्री और महिला के बीच अश्लील वार्तालाप के वायरल वीडियो की सत्यता परखने तक ही अपने अनुसंधान को सीमित रखना चाहती है तो यह अनुसंधान सही निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगा। अनुसंधान के दौरान पुलिस को ऊपर वर्णित बिंदुओं में अंकित विवरण को ध्यान में रखकर तथ्य संग्रह करना होगा। बेहतर होगा कि इस कांड का स्वतः संज्ञान लेकर पुलिस अपना एक अलग एफआईआर दर्ज कर उसमें मंत्री और उनके साथ अश्लील वार्तालाप कर रही महिला को भी अभियुक्त बनाए। सबसे पहले पुलिस इन दोनों का बयान ले ओर इनके बयानों के आलोक में आगे अनुसंधान की दिशा निर्धारित करें। जिसके बाद विधिसम्मत कारवाई भी करें। विधायक सरयू राय ने कहा कि उन्हें आशंका है कि इस कांड के अनुसंधान में पुलिस को मंत्री के प्रभाव से स्वयं को मुक्त रखना संभव नहीं होगा। इसलिए मेरा सुझाव है कि भारतीय दंड संहिता एवं साइबर कानून के प्रासंगिक प्रावधान के अनुरूप इस कांड के अनुसंधानकर्ता अधिकारी अपने स्तर से तो अनुसंधान करें। साथ ही इसका पर्यवेक्षण पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस के अधिकारियों से कराने के बदले राज्य सरकार के कम से कम आईजी स्तर के पदाधिकारी से कराना उपयुक्त होगा। पत्र के अंत में उन्होंने एसएसपी से अनुरोध किया है कि उपरोक्त बिंदुओं के संदर्भ में इस कांड की सही जांच कराने के लिए उनके सुझाव पर गौर करें।

Related Articles

Back to top button