रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर एवं बेस्ट संसद द्वारा मुफ्त नेत्र शिविर का हुआ आयोजन
जमशेदपुर। शुक्रवार को आहरगुट्टू, सुंदरनगर में रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर एवं बेस्ट संस्था द्वारा मुफ्त नेत्र शिविर का अयोजन किया गया था. इस शिविर में टाटा मुख्य अस्पताल के पूर्व नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. जी. बी. सिंह ने २५ ग्रामीणों की जांच की और १० लोगों का रविवार दिनांक 20 नवंबर को रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर के द्वारा मुफ़्त मोतियाबीन का ऑपरेशन, सहेली नर्सिंग होम, सोनारी में किया जाएगा और साथ ही मरीजों को मुफ्त दवा, लेंस एवं चश्मा दिया जाएगा। इस मौके पर डॉ. सिंह ने कहा कि जमशेदपुर न केवल लौह नगरी होने के कारण प्रसिद्ध है बल्कि यहां के लोग समाज सेवाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। हर दिन यहां किसी न किसी संस्था द्वारा सामाजिक कार्यक्रम या शिविर का आयोजन किया जाता है। डॉ. सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की 60% से अधिक आबादी या 4.5 अरब से अधिक लोगों को आंखों और दृष्टि समस्याओं के लिए सुधारात्मक लेंस या प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है।
आँखों और दृष्टि का हमारें जीवन में बहुत बड़ा महत्व है और यह सभी के जीवन में एक अहम भूमिका निभाती है। मानव शरीर में सबसे जटिल अंगों में से एक के रूप में, आपकी आंखें आनुवंशिक, पर्यावरण और उम्र से संबंधित मुद्दों से प्रभावित हो सकती हैं। यह असुविधा से लेकर अधिक गंभीर दृष्टि समस्याओं तक हो सकती है जो आपकी दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन्हें आमतौर पर निम्नलिखित में विभाजित किया जा सकता है
आँख की स्थिति : यह असामान्य स्वास्थ्य मुद्दों को संदर्भित करता है जो दृष्टि हानि के कारण आपकी दृष्टि और ठीक से काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है। मायोपिया, प्रेसबायोपिया और कई अन्य आंखों की स्थितियों के बारे में और पढ़ें जो आपको या आपके प्रियजनों को प्रभावित कर सकती हैं।
नेत्र रोग : नेत्र रोग आपके शरीर की आंतरिक या बाहरी कारकों की प्रतिक्रिया के कारण होने वाली समस्याएं हैं। ग्लूकोमा से लेकर नेत्रश्लेष्मलाशोथ या ‘गुलाबी आंख’ जैसी बीमारियों के बारे में, आंखों की उन बीमारियों के बारे में और पढ़ें जो आपको प्रभावित कर सकती हैं।
दृष्टि संबंधी लक्षण : ये सामान्य दृष्टि लक्षण हैं जिनका मूल कारण या तो आंख की बीमारी या आंख की स्थिति है। धुंधली दृष्टि, आंखों का तनाव और अन्य के बारे में और पढ़ें जो कुछ अधिक गंभीर होने के लक्षण हो सकते हैं।
इसलिए लोगों को चाहिए कि आपने आंखों के स्वास्थ्य के लिए विभिन्न दृष्टि दोषों के बारे में जानकारी ग्रहण करें एवं नेत्र का नियमित रूप से जांच कराना चाहिए।
जांच दल में डॉ. जी. बी. सिंह के अलावा मनीष सिंह, स्नेहलता एवं मनीषा पूर्ति ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस शिविर को सफल बनाने में रवि सोरेन, अर्जुन समद, मालती बासके, सागर सोरेन, बुलाए मुर्मू, भीम मार्डी, राजू बेसरा आदि ने अपना अहम भूमिका निभाई।