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रैयत रक्षा समिति की खूंटकट्टी मैदान चाईबासा में बायपास सड़क के विरोध में किया बैठक

चाईबासा। खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति के तत्वाधान में खूंटकट्टी मैदान चाईबासा में चाईबासा बायपास सड़क के विरोध में बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्षता खूंटकट्टी रक्षा समिति के अध्यक्ष भलबद्र सवैया ने किया। संचालन मानकी मुंडा संघ के महासचिव चंदन होनहागा ने की। बैठक में नौ गांव के मुंडा शामिल थे। जबकि चाईबासा बायपास के प्रस्तावित गांव के ग्रामीण उपस्थित थे। खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति के अध्यक्ष भलबद्र सवैया ने कहा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जो जमीन राज्य सरकार और सरकरीतंत्र अधिग्रहण करना चाहती है। यह जमीन न सिर्फ बहुफसली सिंचित कृषि भूमि है, बल्कि राज्य और जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है। और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 में भी अनुसूचित क्षेत्र की जमीन अधिग्रहण करने के लिए स्थानीय स्वशासन व्यवस्था और पारंपरिक ग्रामसभा से सहमति लेने के बाद ही जमीन अधिग्रहण करने के लिए अधिसूचना जारी करने का प्रावधान किया है। लेकिन राजपत्र के द्वारा जारी विज्ञापन के पहले न तो स्थानीय स्वशासन व्यवस्था के तहत मानकी मुंडा से परामर्श लिया गया और न ही ग्रामसभा से लिखित सहमति लिया गया था। इसलिए खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति सरकार और सरकरीतंत्र द्वारा अपनाया जा रहा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को असंवैधानिक मानती है। जिसका विरोध शुरुवाती दौर से सभी गांव के ग्रामसभा के द्वारा किया जा रहा है और भविष्य में भी विरोध किया जाएगा। पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकु ने कहा कि हमारे कोल्हान में व्याप्त खनिज संसाधन को देखकर देश दुनिया के बड़े बड़े पूंजीपतियों का गिद्ध दृष्टि पड़ गया है और उसी खनिज संपदा को ले जाने के लिए ही राष्ट्रीय राजमार्ग फोर लेन सड़क बनाना चाहती है। जिसके लिए कोल्हान के एमपी, एमएलए कम दोषी नहीं है। झारखंड आंदोलनकारी पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने कहा कि हम आदिवासियों का जीविका का एकमात्र आधार सिर्फ कृषि जमीन है। और खाद्य सुरक्षा कानून का प्रावधान है कि बहुफसली कृषि भूमि को किसी भी परियोजना के लिए अधिग्रहण से मुफ्त रखा जाय। लेकिन सरकार और ऑफिसर्स गलत तरीका अपनाकर आदिवासियों का जमीन अधिग्रहण करना चाहती है।जिसका विरोध जोरदार तरीके से करना होगा। कातीगुटु गांव के मुंडा सिदेयू पूर्ति ने कहा कि हमारे गांव में बहुत सारे ऐसे ग्रामीणों का घर बायपास सड़क के चपेट में आ जाएगा। जिस प्रस्तावित सड़क के निर्माण से समूल रूप से उसका अस्तित्व ही मिट जाएगा। साथ ही हमारा देशाउली, सासन दीरी,सरना, मासन भी पूरी तरह से उजड़ जाएगा।इसलिए हमने अपना ग्रामसभा में निर्णय लिया है कि बायपास सड़क के नाम पर जमीन किसी भी परिस्थिति में नहीं देंगें । बैठक को सिंह पोखरिया गांव के मुंडा दीपू सिंह सवैया,तुईबीर गांव के मुंडा मैथ्यू देवगम,डोंकासाई गांव के मुंडा घनश्याम देवगम, तोलगोयसाई के मुंडा मधु पूर्ति, टोंटो गांव के मुंडा सुरेंद्र बानरा, कप्परसई गांव के मुंडा मंगल सिंह देवगण,हो समाज महासभा के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार सवैया,कोल्हान भूमि बचाओ समिति के सलाहकार सुरेश सोय,कोलंबस हांसदा,महेंद्र जामुदा, रेयान सामड, चंद्रमोहन बिरूआ, हो समाज सेवानिवृत संगठन के पूर्व अध्यक्ष सुखलाल पूर्ति,अमृत मांझी,सन्नी सिंकु,मुनेश्वर पूर्ति,श्रीमती लक्ष्मी कालुंडिया,शीतल पूर्ति,सरोज महतो, विकास केराई,जगदीश चंद्र सिंकू, विनीत लगूरी,विश्वनाथ बोबोंगा,गंगाराम सिंकु, अमित होन हागा,अरिल सिंकु,केदार कालुंडिया, बिरसा सिंकु,कृष्णा सिंकु,महेंद्र पूर्ति, महत्ती पूर्ति सहित अन्य ग्रामीणों ने अपना विचार रखे।बैठक में सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।

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