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वास्तव में भाषा-संस्कृति को बचाने का काम जात्रा के माध्यम से ही हो रहा है : महाबीर मुर्मू

Patamda: आज ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की जयंती है जो पूरे विश्व में नेताजी के नाम से जाने जाते हैं, जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया था और उनके नेतृत्व के कारण ही अंग्रेज देश छोड़ने के लिए मजबूर हुए थे। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में बेलटांड़ चौक परिसर में आयोजित सात रात्रि बांग्ला जात्रा उत्सव सराहनीय कार्यक्रम है। यह बातें सोमवार को बेलटांड़ में आयोजित नेताजी सुभाष संस्कृति मंच के पंचम रात्रि जात्रा अनुष्ठान के दौरान बतौर मुख्य अतिथि झामुमो नेता सह समाजसेवी महाबीर मुर्मू ने कहीं। उन्होंने कहा कि भाषा संस्कृति कैसे बचेगी यह सोचने की बात है। देश विदेश से आकर लोग हमारी संस्कृति पर शोध कर रहे हैं। वास्तव में भाषा संस्कृति को बचाने का कार्य गांव के लोग ही लोग करते हैं। शहरों में लोग अपनी भाषा को छोड़कर दूसरी भाषा में बात कर रहे हैं संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। इस जात्रा के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति बताने का काम हो रहा है। वे विधायक मंगल कालिंदी के कहने पर यहां पहुंचे हैं कि किस तरह आज भी गांव के लोग मनोरंजन व भाषा संस्कति को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इस जात्रा के माध्यम से खराब चीजों को छोड़कर अच्छे चीजों को ग्रहण करने का काम करना है। कार्यक्रम को मंच के सचिव आदित्य हालदार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन हृदय कुंभकार व उज्ज्वल कांति दास ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर मंच के अध्यक्ष ईशान चंद्र गोप, महासचिव बृंदावन दास, कोषाध्यक्ष माणिक हालदार, सचिव विश्वामित्र दास, विधायक प्रतिनिधि चंद्रशेखर टुडू, सुभाष कर्मकार, अश्विनी महतो, प्रतीक दिनकर, करण कालिंदी, रोहित शर्मा, दुर्गा प्रसाद हांसदा व रानू मुर्मू आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान डेढ़ दर्जन वरिष्ठ जात्रा कलाकारों को अतिथियों के हाथों शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। जिसमें मुख्य रूप से उमापद दास, ललित हांसदा, कृत्तिवास महतो, उमापद महतो, गुणमय दास, प्रभुराम महतो, जगतपति लाहा आदि शामिल थे।

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