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श्रीमद भागवत कथा का चौथा दिन

स्थानीय श्री भुवनेश्वरी मंदिर प्रांगण टेल्को में स्थित कृष्ण मंदिर में आयोजित 37 वे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का चौथा दिन संपन्न हुआ।वृंदावन से पधारे आचार्य श्री कैलाश राधा शरण जी महाराज ने कलयुग में इस तरह के धार्मिक आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डाला ।उनके प्रवचन में इस बात पर काफी जोर दिया गया कि आज के युग में धर्म की धुरी हमारे समाज की माताएं और बहने हैं ।विभिन्न छोटे-छोटे कहानियां और भजनों के माध्यम से आचार्य श्री का और उनके मंडली का जोर इस बात पर था कि हम इस तरह के धार्मिक संस्कार में अपने घर के छोटे बालकों को शामिल करें। भारी संख्या में उपस्थित माता और बहनों से उनका आग्रह था कि जब वे मंदिर जाती हैं तो छोटे बच्चों को भी साथ लेते जाएं। बच्चों के 5 या 10 मिनट भजन करने से जो संस्कार पैदा होंगे वह पूरे जन्म तक उसके साथ रहेंगे।
महाभारत में पांडवो के स्वर्गारोहण में युधिष्ठिर के एक उंगली के गल जाने का कारण और उसकी व्याख्या भी की।राजा परीक्षित और सर्पों के राजा तक्षक के प्रसंग की भी चर्चा की गई।
आज सभा मंडप में काफी भीड़ थी 90% जगह तो महिलाओं से भरी रही ।बाकी जगह में पुरुष थे ।पुरुष कुछ खड़े भी थे अलग से लोगों को बैठने का प्रबंध किया गया। यह कथा 3 दिन और चलेगा। भागवत गीता के अंतिम श्लोक का महत्व भी आचार्य श्री बतलाएंगे। 3 तारीख को इस भागवत ज्ञान यज्ञ की पूर्णाहुति की जाएगी।
आयोजन को सफल बनाने में सर्व श्री टी के सुकुमारन,टी ए जयरामन इंद्रजीत सिंह,के शैलेश कुमार,एम मोहनन,एस अनिल का योगदान उल्लेखनीय रहा।

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