राशन कार्डधारियों से अपील है कि परिवार के सभी सदस्य का अपने डीलर के माध्यम से ई-केवाईसी जरूर करायें
अपात्र राशन कार्डधारी सरेंडर करें अपना राशन कार्ड, जांच में पकड़े जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी
जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिला में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित सभी लाभुकों का ई-केवाईसी पूर्ण करने का लक्ष्य 28 फरवरी तक निर्धारित किया गया है। विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी श्री राहुल जी आनंद जी ने शहरी अनुभाजन क्षेत्र के लाभुकों से तथा जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री सलमान जफर खिजरी ने ग्रामीण क्षेत्र के सभी राशन कार्डधारियों से अपील करते हुए कहा कि अपने पीडीएस संचालक से संपर्क कर राशन कार्ड में उल्लेखित परिवार के सभी सदस्यों का ई-केवाईसी जरूर करायें अन्यथा आने वाले समय में खाद्यान्न उठाव नहीं कर सकेंगे। वहीं, अपात्र राशन कार्डधारियों से भी कार्ड सरेंडर करने की अपील की गई है। अन्यथा जांच के क्रम में पकड़े जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अयोग्य लाभार्थियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की स्थिति में दण्डात्मक प्रावधान निम्नवत हैं-*
(i) वैसे परिवार जिन्हें किसी कारणवश पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ परिवार अथवा अंत्योदय परिवार की श्रेणी का राशन कार्ड निर्गत किया जा चुका हो और जो सरकार द्वारा निर्धारित अपवर्जन मानक के अन्तर्गत आते हों अर्थात् वैसे परिवार जो इस यथोक्त श्रेणी के कार्ड योग्यता नहीं रखते हो, उनके द्वारा राशन कार्ड का सरेन्डर अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने एवं खाद्यान्न का उठाव करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
(ii) यदि कोई व्यक्ति इस आदेश के अधीन निर्धारित अपवर्जन मानकों के अन्तर्गत आता है अथवा वह गलत सूचना देते हुए अन्त्योदय / पूर्वविक्ता राशन कार्ड प्राप्त करता है; तो सर्वप्रथम उसके राशनकार्ड को निरस्त कर दिया जायेगा एवं अगर उसके द्वारा ऑनलाईन राशन का उठाव किया गया है तो उसके विरूद्ध निम्नांकित कार्रवाई की जायेगी
(क) आपराधिक कार्यवाही
(ख) लिए गए राशन की वसूली राशन लिए जाने की तिथि से भू-राजस्व के बकाए के सदृश्य बाजार दर पर 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष के व्याज पर वसूली।
(ग) यदि वह भारत सरकार/राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रदेश या इनके परिषद्/उदयम/प्रक्रम उपक्रम/अन्य स्वायत्त निकास जैसे विश्वविद्यालय इत्यादि/नगर निगम/नगर पर्षद/नगरपालिका/न्यास इत्यादि में नियोजित हो तो उपरोक्त के अलावा उस पर विभागीय कार्यवाही का संचालन।
(iii) अगर उठाव ऑफलाइन किया जाता है तो उसका पक्ष सुना जायेगा एवं 15 दिनों के अदर पूरी प्रक्रिया का निष्पादन कर अगर दोषी पाए जाते है तो विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।