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CAA का होगा विरोध केन्द्र सरकार की नियत अच्छी नहीं : बाबर खान

जमशेदपुर। ऑल इंडिया माइनोरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट के केंद्रीय महासचिव बाबर खान ने सोमवार को सभी लोग NPR, NRC, CCA, का बॉयकॉट करें यदि डांटेंशन जेल से बचना है तो। क्योंकि केन्द्र की सरकार ने भारत में नगरिक संशोधन बिल सदन से पास कर इस पर काम आरम्भ कर दी है। अब फिर से एक बार NPR, NRC, CCA पर राजनीति होगी और एक खास समाज के लोगों को नागरिकता से वंचित रखा जाएगा। दोस्तों ये बात कितनी सच है के भारत के केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में कहा है कि इस बिल से किसी कि नागरिकता छीनी नहीं जायेगी। नागरिकता दी जायेगी ?
अब सवाल यह उठता है कि किस समुदाय को नागरिकता दी जायेगी ? और किस समुदाय और धर्म के लोगों के लिए डेटेंशन कैंप ( जेल ) बना है। भारत के 10 राज्यों में डाटेंशन जेल बन रहा है। और ये जेल किस की लिए ये सोचने और समझने कि बात है ? और अब इस का विरोध संविधानिक अधिकारों के तहेत करना हमारा कर्तव्य बनता है। क्यू कि केन्द्र सरकार का नित्रुत का नियत और निति मेरे भारत देश कि दूसरी बड़ी आबादी के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं है। जी हां मुस्लमान के लिए।
इस लिए होशियार हो जाएं।
और एक हाथ में तिरंग एक हाथ में भारत का संविधान लेकर इस का विरोध करें। NPR का काम बहुत ही जल्द शुरू होने वाला है।
इस को लेकर कई संगठन गोलबंद होकर विरोध प्रदर्शन करने का मिज़ाज बना चुकी है। इस लिए हमारा भी फर्ज़ बनता है। शुरू में ही जम कर विरोध करें। ये काम के लिए आप के मोहल्ले के हर एक घर में सरकारी लोग या स्कूल के शिक्षक ( टीचर) या सरकारी कर्मचारी या कोई एजेंसी के लोग आकर जानकारी लेंगें के आप के घर कितने लोग हैं। किस का जन्म कहां हुआ कब हुआ आप के पिता कहां और कब जन्मे कहां उनकी मिर्तू हुई।
अधार कार्ड का नंबर मांगेंगें कुछ सरकारी दस्तवेज भी मांग सकते हैं। और भी कुछ खास बातें बहुत ही अच्छे से पूछेंगे। आप भी उन के साथ अच्छे से पेस आएं। और कोई भी जानकारी नहीं दें। इस लिए ना दें के अगर आपकी जानकारी में कोई चुक हुई और जानकारी लेने वाले को कोई शक हुआ तो। वो अप के नाम के सामने (D) लिख देंगें D का मतलब doubtful( संदिग्ध ) लिख देंगें जो इन के संविधानिक अधिकारों से बाहर है। D लिखे जाने कि जानकारी आप को उस समय नही होगी जब आप के परिवार में किसी के नाम नोटिस आयेगा के आप अपनी भारतीय नागरिकता का साबुत दें। और अगर नहीं दे पाएं तो निश्चित रूप से आप विदेशी कहलाएंगे। और आप को डिडेंशन कैंप यानी जेल में डाल दिया जायेगा। और उन्हें नागरिकता दी जायेगी जिन के पास सारे कागज़ मिलेंगें या केंद्र सरकार जिन्हें भारत का नागरिकता देना चाहती है। भारत सरकार कि अगर नियत और निति अच्छी होती तो किस भी धर्म के लोगों को नागरिकता देने के लिए इतना हो हंगामा कि किया जरूरत है। आप अपने स्तर से विदेश से आए लोगों को नागरिकता दे दें। वो लोग आप के समर्थक और वोटर होजायेंग। लेकिन सरकार कि सोच बिल्कुल अलग है कहती कुछ है करती कुछ है। इस लिए होशियार( सावधान हो जाएं।
कहीं पे निगाहें कहीं पर निशाना साध कर एक खास धर्म पर अंकुश लगाने कि चाल चली जा रही है। याद रखिए अगर हर परिवार से एक दो लोगों को doubtful( संदिग्ध) के नाम पर नोटिस भेजा गया तो निश्चित रूप से उन लोगों को नागरिकता पर प्रश्नचिंह लग जायेगा और उन लोगों को जेल में रहना होगा।
अब सवाल उठता है आप इस का विरोध किस तरह करेंगें। जो आप का संविधानिक अधिकार है।

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