मौलिक अधिकारों की रक्षार्थ कोल्हान बंदी को सफल बनाने हेतु युवा सड़कों पर उतरे : बिर सिंह बुड़ीउली
चाईबासा/तांतनगर। कोल्हान प्रमंडल में प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा असंवैधानिक तरीके से जमीन अधिग्रहण एंव हस्तांतरण के खिलाफ 31 जुलाई 2024 की आहूत कोल्हान बंदी का संवैधानिक और लोकतांत्रिक रूप से पूर्ण समर्थन करने का एलान ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर किया। झारखंड राज्य के गठन के 24 साल में चार आदिवासी मुख्यमंत्री और एक गैर आदिवासी बने। पर झारखंडी जन मानस के हित में नीति निर्धारण नहीं कर पाई। इन दिनों कोल्हान में आदिवासी मूलवासीयों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक और राजनीतिक अस्तित्व खतरे में है। कोल्हान के आधे भू भाग पर बड़े उद्योगिक कारखाने, निजी, सरकारी छोटे बड़े उपक्रम, स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजन, ईचा डैम, चांडिल डैम व गालूडीह बराज, राष्ट्रीय राजमार्ग, सड़क चौड़ीकरण और कई खदानों के नाम पर सरकार जमीन का असंवैधानिक तरीके से अधिग्रहण और जबरन हस्तांतरण कर रही है। जिससे कोल्हान का जियोग्राफी और डेमोग्राफी काफी बदल गया है। नियम कानूनों को ताख पर रख कर संवैधानिक अधिनियमों और उपबंधो की धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां के मूल रैयतों तथा भूमि पुत्रों को उजाड़ कर भूमिहीन बनाया जा रहा है। जिसका संघ विरोध करता रहा है। संघ कोल्हान बंदी के लिए कोल्हनवासियों से अपील करती है कि अपने मौलिक अधिकारों की रक्षार्थ भविष्य के युवा पीढ़ी विधार्थी, समाज सेवियों, आमाजिक संगठनों, व्यासाहिक संगठनों और बुद्धिजीवियों को सड़क पर उतर कर बंदी सफल बनाने में नैतिकता के अधार पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान करती है।
प्रेस कांफ्रेंस में बिर सिंह बुड़ीउली, सुरेश सोय, रेयांस सामड, योगेश कालुंडिया,शयाम कुदादा,गुलिया कालुंडिया, रोबिन अल्डा,रोबिन देवगम और साथी उपस्थित थे।