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रांची। गत 26 दिसंबर 2021 को मैं उपर्युक्त विषयक परियोजना स्थल पर गया था और निर्माण कार्य का जायज़ा लिया था। मेरे अनुरोध पर जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी भी वहाँ पहुँचे थे। हमलोगों ने सभी निर्माण स्थलों पर जाकर परियोजना का निर्माण कार्य देखा। कई त्रुटियाँ पाई गईं। नींव में लगाई जा रहे काला ईंट एवं छड़ का नमूना भी लिया। परियोजना के चार संवेदकों से उनकी अलग-अलग डिज़ाइनों को भी समझने का प्रयास किया। संक्षेप में डिज़ाइन स्तर से लेकर निर्माण स्तर तक परियोजना में ख़ामियाँ परिलक्षित हुईं। बेहतर होगा यदि आप इस बारे में जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी से आधिकारिक प्रतिवेदन मंगा लें और किसी निष्पक्ष एजेंसी से इसका पर्यवेक्षण करा लें। कार्यस्थल पर जुडको के सक्षम प्रतिनिधि प्रतिनियुक्त रहने चाहिये।
गत 23 दिसंबर 2021 को उपर्युक्त विषयक परियोजना के लाभुकों का चयन करने के लिये लॉटरी हुई। परियोजना में केन्द्र एवं राज्य सरकार की सहायता के साथ ही लाभुकों का लाभांश भी देय है, जो सरकारों के योगदान से अधिक है। आप सहमत होंगे कि परियोजना की स्वीकृत डिजाईन आधारित निर्माण की लागत कम रहेगी तो लाभुकों का लाभांश कम होगा। निर्माण स्थल का जायज़ा लेते समय मैंने महसूस किया कि निर्माणकर्ताओं द्वारा सही सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं करने के कारण वास्तविक लागत व्यय तो कम हो जायेगी मगर इसका लाभ ज़रूरतमंद लाभुकों के पास नहीं जाकर संवेदकों एवं अन्य के पास चला जायेगा, जिसका भुगतान वस्तुतः कम आय वर्ग के लाभुकों की जेब से होगा।
अनुरोध है कि उपर्युक्त विषयक परियोजना की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के बारे में व्यक्तिगत पहल करेंगे।