मॉनसून आने तक चांडिल डैम से 15 दिन में दो बार पानी छूटेगा : सरयू राय
जमशेदपुर। इस वर्ष मानसून आने तक चाडिल डैम से 11.28 घन मीटर प्रति सेकेण्ड अतिरिक्त जल का प्रवाह प्रत्येक 15 दिन में दो बार करके महीना में चार बार चांडिल डैम से छोड़ा जायेगा, ताकि मोहरदा पेयजल परियोजना के आसपास एकत्र होने वाली गंदगी को साफ किया जा सके और पेयजल परियोजना को सुचारू रूप से मदद मिले। यह जानकारी चांडिल डैम के कार्यपालक अभियंता ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय को दिया है। श्री राय ने इस बारे में दिनांक 02 अप्रैल, 2022 को सचिव, जल संसाधान विभाग को पत्र भेजकर उनसे अतिरिक्त जल प्रवाह चांडिल डैम से छोड़ने का अनुरोध किया था। तदुपरांत विभागीय सचिव ने अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ने का निर्देश दिया।
कार्यपालक अभियंता के अनुसार फिलहाल चांडिल डैम से स्वर्णरेखा नदी में 13.05 घन मीटर प्रति सेकेण्ड का जल प्रवाह नियमित रूप से छोड़ा जा रहा है। परंतु यह जल प्रवाह गर्मी के दिनों में पर्याप्त साबित नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण मोहरदा परियोजना के लिए बनाये गये इंटेक वेल के पास जल प्रवाह में ठहराव आ जा रहा है, जिसके कारण यहाँ पर जलकुंभी सहित कई प्रकार की गंदगी जमा हो जा रही हैं, जिसकी सफाई नाव के माध्यम से करानी पड़ रही है। अब महीने में चार दिन (प्रत्येक 15 दिन में दो बार) 11.28 घन मीटर प्रति सेकेण्ड का अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़े जाने के कारण नदी में जल प्रवाह चार दिनों तक 24.33 घन मीटर प्रति सेकेण्ड हो जायेगा, जिसके माध्यम से नाना प्रकार की गंदगी को हटाना संभव हो सकता है।
चांडिल डैम के कार्यपालक अभियंता ने विधायक श्री राय को सूचित किया है कि चांडिल डैम का जलस्तर फिलहाल 178.10 मीटर पर है। जबकि डैम का डेड स्टोरेज लेवल 170 मीटर है। चुंिक डैम के उपर से नगण्य जल प्रवाह आ रहा है, इसलिए फिलहाल डैम से बहुत अधिक जल छोड़ना संभव नहीं हो पा रहा है। कार्यपालक अभियंता के अनुसार फिलहाल चांडिल डैम में 349.36 मिलियन घन मीटर जल संग्रहित है।
उम्मीद है कि हर 15 दिन पर दो दिन तक अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़े जाने से मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटेक वेल के समीप नदी के जल प्रवाह में ठहराव आने की समस्या कुछ हद तक दूर हो सकेगी। श्री राय ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति से कहा है कि इंटेक वेल के समीप एकत्र जलकुंभियों को अविलम्ब हटाया जाय ताकि चांडिल डैम से छोड़े जानेवाले अतिरिक्त जल प्रवाह का इंटेक वेल के पास अच्छी प्रकार से उपयोग में लाया जा सके।