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दुमका के विजयनगर में एसएसबी 35 की वाहिनी में शहीद जवान नीरज छेत्री के प्रतिमा का हुआ अनावरण

दुमका के विजयपुर में स्थित एसएसबी 35 वी वाहिनी मे शहीद जवान नीरज छेत्री का एक प्रतिमा का अनावरण किया गया। मौके पर एसएसबी 35 वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोरंजन कुमार पांडे डिप्टी कमांडेंट नरपत सिंह के अलावा बड़ी संख्या में एसएसबी के जवान तथा अधिकारी मौजूद रहे नीरज छेत्री बड़ी बिल नेपाली गांव, असम प्रदेश का रहने वाला था जो दुमका जिले में पदस्थापित था और नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान नीरज छेत्री शहीद हो गए थे. यह घटना वर्ष 2019 की है। 2 जून 2019 को मिली सूचना के आधार पर मसलिया थाना क्षेत्र के कटलिया जंगल में सब के जवान नक्सलियों की घेराबंदी करने के लिए पहुंचे थे। तभी पहले से घात लगाए नक्सलियों ने एक-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी उसे घटना में कुल पांच जवानों को गोली लगी थी लेकिन बाकी जवान इलाज कर करके आज बच गए हैं लेकिन नीरज छेत्री इलाज के दौरान मौत हो गया था यानी नीरज छेत्री नक्सलियों की गोली लगने से शहीद हो गया। आपको बताते चलें कि वर्ष 2014 में जब संथाल परगना इलाके में नक्सलियों का आतंक चरम पर था उसे समय यहां एसएसबी का कैंप आया और उसके बाद लगातार 10 साल में एसएसबी के जवानों ने नक्सलियों का संथाल परगना से सफाया कर दिया है इस पूरे 10 साल के ऑपरेशन के दौरान दुमका 35वीं बहिनी को मात्र एक जवान को खोना पड़ा है जिसको लेकर के आज पूरा एसएसबी कैंप गमगीन दिखाई दिया शाहिद नीरज छेत्री के याद में विजयपुर स्थित एसएसबी कैंप में एक शहीद उद्यान का निर्माण किया गया है जिसमें नीरज छेत्री का एक प्रतिमा लगाया गया है और शाहिद नीरज छेत्री के नाम पर यह उद्यान बनाया गया है जिसका आज अनावरण एसएसबी के कमांडेंट मनोरंजन पांडे ने किया। आपको बता दें की समतल पर रखने में नक्सलियों के सफाई के बाद अब दुमका से सब का कैंप वापस चला जाएगा लेकिन उनकी यादें दुमका में रह जाएगी। सब के डिप्टी कमांडर नरपत सिंह ने आज दुमका और संथाल पर रखने में नक्सलियों के विरुद्ध किए गए ऑपरेशन को बताते हुए भाव विभोर हो गए। इस पूरे कार्यक्रम में एसएसबी द्वारा किए गए ऑपरेशंस के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया आपको बता दे कि शहीद जवान नीरज छेत्री को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से भी नवाजा गया है और कमांडेड ने बताया कि इस वाहिनी को सबसे ज्यादा गेलेट्री अवार्ड प्राप्त हुआ है।सब की टीम भले ही यहां से चली जाए लेकिन उनके द्वारा इन 10 सालों में जो कार्य किया गया है वह संथाल परगना और दुमका में अमन चैन लाने में काफी कारगर साबित हुआ है। यह बटालियन कई सिर्फ नक्सलियों को मौत के घाट उतारा है दुमका ही नहीं बल्कि दुमका से बाहर जो इस इलाके के नक्सली छुपाकर अपना शरण लिए हुए थे वहां से खोज खोज कर इस टीम ने मौत के घाट उतारा है यही वजह है कि आज संथाल परगना से नक्सली का सफाया हो गया है जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव 2019 में देखने को मिला कि बिना किसी घटना का मतदान शांतिपूर्ण कर करके सारे पोलिंग पार्टी वापस लौट गए वर्ष 2005 से ऐसा कोई चुनाव नहीं था कि जिस चुनाव के दौरान नक्सली हमला नहीं किया करते थे 2014 और 2019 में भी नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी लेकिन सब ने 2024 में अपने ऑपरेशन को लेकर के काफी खुश नजर आ रही है कि इस चुनाव में कोई भी घटना दुर्घटना नक्शनियों के द्वारा नहीं किया गया यह सशस्त्र सीमा बल और दुमका पुलिस का ही मेहनत का परिणाम है। डिप्टी कमांडेंट नरपत सिंह ने दुमका जिले में किए गए ऑपरेशन को पूरे विस्तार पूर्वक बताया और क्या-क्या घटनाक्रम हुआ वह सब के समक्ष रखा वही कमांडेंट मनोरंजन कुमार पांडे ने बताया कि सब कभी भी नहीं चाहती थी कि लोग मुख्य धारा से भटके आज लोग मुख्य धारा में वापस आ गए हैं और कोई भी मुख्य धारा से भटकना नहीं चाहता है और आगे भी यही उम्मीद की जानी चाहिए कि जो बेरोजगार युवक है वह मुख्य धारा से ना भटके। आज शहीद जवान नीरज छेत्री के प्रतिमा माल्यार्पण किया गया उसे पर प्रीत किया और नाम आंखों से उनको याद किया गया।

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