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माहवारी स्वच्छता अभियान के लिए निश्चय फाउंडेशन का नाम दूसरी बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल

जमशेदपुर । वर्तमान समय में हमारा समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन विकास के इस दौर में अनगिनत मानवीय मुद्दे है, जिनको सुलझाने के लिए, बदलाव लाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक सहभागिता से नि:स्वार्थ सामाजिक कार्य करने की आवश्यकता होती है। ऐसी ही भावनाओं को बढ़ावा देने हेतु हर वर्ष मार्च के प्रत्येक तीसरे मंगलवार को विश्व सामाजिक कार्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

विश्व सामाजिक कार्य दिवस के मौके पर झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बच्चों, महिलाओं व युवाओं के मुद्दो पर सक्रिय सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन ने जनभागीदारी से बनाए गए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड को झारखंड के सुदूर इलाकों में सेवाए दे रहे सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम समर्पित किया है। संस्था ने कोरोना काल के शुरुआती महीनों में सामुदायिक भागीदारी से “सैनिटरी पैड रिलीफ कैंपेन” चलाकर सुदूर गांवो में रहनेवाली 10 हजार से ज्यादा जरूरतमंद बच्चियों व महिलाओं तक सैनिटरी पैड पहुंचाने का चुनौतीपूर्ण कार्य किया था। संस्था के इस अभूतपूर्व कार्य को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के 2020-22 संस्करण में स्थान मिला है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि यह एक स्थाई रिकॉर्ड है, इसे कभी तोड़ा नही जा सकता। माहवारी स्वच्छता जागरूकता कार्य हेतु संस्था का नाम दूसरी बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इससे पहले संस्था के गिफ्ट सैनिटरी पैड फॉर रूरल गर्ल्स अभियान को 2019 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया था।

कोविड काल में चलाए गए सैनिटरी पैड रिलीफ कैंपेन में लगभग 20 से ज्यादा स्वयंसेवकों ने घर घर जानकर बच्चियों को सैनिटरी पैड पहुंचाने में योगदान दिया था। वही लगभग 400 लोगों ने इस अभियान में अंशदान देकर संकटपूर्ण समय में बच्चियों की सहायता हेतु लगभग 1 लाख रुपए की धनराशि जुटाई थी। बेहद सीमित संसाधनों के बाद भी संस्था लगातार बच्चों व बेहतरी हेतु सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है।

निश्चय के संस्थापक सचिव तरुण कुमार ने बताया की “समाज में बदलाव लाने, जरूरतमंदों की सहायता हेतु निस्वार्थ सामुदायिक प्रयास बेहद अहम है, कोरोना काल में जब बच्चियां फोन कर सैनिटरी पैड ना मिल पाने की परेशानी को हमारे साथ साझा कर रही थी, उस समय सैकड़ों लोगों के सम्मिलित प्रयास से हम सभी मिलकर बच्चियों की मदद कर पाए। यह एक सामुदायिक भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण है, यह हम सभी को समुदाय के लिए दृढसंकल्पित होकर कार्य करने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा। यह उपलब्धि झारखंड के सुदूर इलाकों में तमाम चुनौतियों से जूझते हुए समुदाय के लिए निस्वार्थ कार्य करने वाले सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं निस्वार्थ सामाजिक सोच को बढ़ावा देने वाले हर एक व्यक्ति को समर्पित है।

निश्चय फाउंडेशन अभियान में शामिल स्वयंसेवकों, शिक्षको, विद्यालयों, बच्चों व अभियान में योगदान देने वाले सभी लोगों को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड प्रदान कर आभार प्रकट कर रही है। सैनिटरी पैड रिलीफ कैंपेन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण रूप से तरुण कुमार, बैद्यनाथ हांसदा, सूरज चक्रवर्ती, मीनाक्षी जाना, साजिद अहमद, अरविंद तिवारी, प्राण कृष्णा, पंचानन महतो, करिश्मा शर्मा, अंशु कुमारी, पूजा कुमारी, किशन नायर, सुरभि शर्मा, पूरबी घोष, नीतू सिंह, अनुपम पाल, संजय सोलोमन, पूनम महानंद, संतोष शर्मा, डॉ पोम्पी सेनगुप्ता, विकास प्रकाश, प्रज्ञा सिंह, दुर्गा मंडल, जलाधार पात्रा, सारा काजमी, लक्ष्मी कुमारी, पूजा प्रमाणिक, कल्पना, अरुण कुमार, सोनामुनी, अविनाश कुमार शर्मा, पूजा महतो, शिवेंद्र शास्त्री, अक्षिता शर्मा, अमरनाथ योगी, इप्सिता सिन्हा समेत सैकड़ों लोगों का सहयोग रहा था। संकट के समय जनभागीदारी का अनमोल उदाहरण पेश करने हेतु निश्चय फाउंडेशन सभी सहयोगियों का आभारी है।

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