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महागठबंधन प्रत्याशी जोबा मांझी की ऐतिहासिक जीत, बनी सिंहभूम की दूसरी महिला सांसद

तिलक कुमार वर्मा
चाईबासा । सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन प्रत्याशी जोबा मांझी कुल 520164 मत प्राप्त कर विजय घोषित हुई और सिंहभूम की दूसरी महिला सांसद बनी। वही भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को कुल 351762 मत प्राप्त हुए। मंगलवार को महिला कॉलेज के मतगणना केंद्र सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू हो गई थी।
लगातार कॉउंटिंग होते हुए जोबा मांझी लीड करते आगे बढ़ती गई। और अंत मे भारी बहुमत लाकर कई वर्षों बाद जेएमएम को लोकसभा सीट से जीत हासिल हुई।

14 अक्टूबर 1994 को गोइलकेरा हाट में जब चक्रधरपुर और मनोहरपुर के विधायक रह चुके जल, जंगल व जमीन आंदोलन के प्रणेता देवेंद्र माझी की हत्या हुई थी तो किसी ने नहीं सोचा था कि उनकी पत्नी जोबा माझी न केवल अपने पति के सपनों को साकार करने में सफल होगी बल्कि राजनीति में स्वयं को स्थापित करते हुए सिंहभूम की आयरन लेडी बन जाएगी।

मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच टर्म विधायक और छह बार कैबिनेट मंत्री का पद संभालने के बाद अब जोबा माझी सिंहभूम की दूसरी महिला सांसद भी बन गई हैं। राजनीति की शिखर तक पहुंचने के लिए जोबा माझी ने जो संघर्ष किया वह सियासत में महिलाओं की सशक्त भागीदारी की मिसाल है।

साल 1995 में अविभाजित बिहार में जोबा माझी पहली बार मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनीं गई थीं। इसके बाद उन्होनें पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे बिहार में राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बनाई गईं। झारखंड गठन के बाद बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन सरकार में भी उन्हें काबीना मंत्री बनाया गया। उनकी पहचान निर्विवाद और बेदाग छवि के नेता के रूप में रही है।

सादगी और सरल स्वभाव है जोबा की पहचान

जोबा माझी की सादगी का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि पति देवेंद्र माझी के विधायक रहते वह चक्रधरपुर के इतवारी बाजार में सब्जी बेचा करती थी। आज भी राजनीति के शिखर पर पहुंचने और तमाम व्यस्तता के बीच समय निकाल कर वे न केवल घरों का काम करती हैं, बल्कि अपने खेतों में भी एक आम किसान की तरह खेती-बाड़ी का का करते देखी जाती हैं। आम जीवन में सादगी और लोगों के साथ मुलाकात के दौरान सरलता से पेश आना ही उसकी असली पहचान बन चुकी है।

जोबा मांझी की जीत में बड़े पुत्र जगत का रहा खास योगदान

वैसे तो जोबा माझी के राजनीतिक जीवन का यह सातवां चुनाव था। लेकिन पहली बार लोकसभा चुनाव का सामना कर रही जोबा माझी के लिए उनके बड़े पुत्र जगत माझी ने अच्छा साथ दिया। जोबा माझी के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण पुत्र जगत माझी ने पूरे इलेक्शन मैनेजमेंट की कमान अपने हाथों में ले रखा था। इसमें वह सफल भी रहे। बूथ मैनेजमेंट से लेकर सभी प्रखंडों में कार्यालय खोलने, स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम को सफल बनाने, नामांकन और रैलियों में भीड़ जुटाने से लेकर कार्यकर्ता और समर्थकों की जरूरतों को पूरा करने में अपनी परिपक्वता साबित कर उन्होंने उत्तराधिकारी होने का दावेदारी भी प्रस्तुत कर दिया है। वैसे जगत से छोटे उदय माझी और बबलू माझी ने भी लगातार क्षेत्रों में प्रचार कर अपनी मां के कैम्पेनिंग को मजबूती प्रदान की।


जीत की घोषणा के बाद रात लगभग 9 बजे जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त कुलदीप चौधरी पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी की उपस्थिति में उपायुक्त द्वारा प्रमाण पत्र देकर जोबा मांझी को जीत की बधाई दी।

सिंहभूम लोकसभा सीट से कुल 14 प्रत्याशियों ने आजमाई थी अपनी किस्मत

10 सिंहभूम लोकसभा (अ.ज.जा.) मतगणना का परिणाम देखे

प्रत्याशियों को प्राप्त कुल मतदान की संख्या

क्र० – अभ्यर्थी का नाम – दल का नाम- प्राप्त कुल मत की संख्या

01- गीता कोड़ा-भारतीय जनता पार्टी- 351762

02- जोबा माझी- झारखंड मुक्ति मोर्चा-520164

03- परदेशीलाल मुंडा- बहुजन समाज पार्टी-8742

04- कृष्ण माडी- झारखंड मुक्ति मोर्चा (उलगुलान)-2615

05-चित्रसेन सिंकू – झारखंड पार्टी-3210

06- पानमनि सिंह -सोशलिस्ट युनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कॉम्युनिस्ट)-1801

07- -बीर सिंह देवगम- राइट टू रिकॉल पार्टी-1927

08-विश्व विजय माडी- अंबेडकरराइट पार्टी ऑफ इंडिया-3070

09- सुधा रानी बेसरा- पीपल्स पार्टी ऑफ़ इंडिया (डेमोक्रेटिक)-2409

10- आशा कुमारी रूण्डा- निर्दलीय अभ्यर्थी-2754

11- दामोदर सिंह हांसदा- निर्दलीय अभ्यर्थी-44292

12- दुर्गा लाल मुर्मू- निर्दलीय अभ्यर्थी-4924

13- माधव चंद्र कुंकल- निर्दलीय अभ्यर्थी-19834

14-संग्राम माडी- निर्दलीय अभ्यर्थी-16111

15- NOTA-23982

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