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मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र में मत्स्य कृषकों के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ

मछली उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ आपदा से निपटने के गुर भी सीखेंगे मत्स्य कृषक : डॉ.एचएन द्विवेदी

रांची। राजधानी के शालीमार (धुर्वा) स्थित मत्स्य किसान प्रशिक्षण केन्द्र में मत्स्य कृषकों के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ सोमवार को हुआ। प्रशिक्षण के क्रम में मत्स्य कृषकों को
जीवन रक्षक तकनीक, जलक्रीड़ा व मोटरबोट संचालन की अद्यतन जानकारियों से अवगत कराया जाएगा।

यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय जलक्रीडा संस्थान (एनआईडब्लुएस), गोवा के सहयोग से मत्स्य विभाग द्वारा आयोजित किया गया है।
इस प्रशिक्षण में झारखंड राज्य के जलाशयों में कार्यरत मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मत्स्य कृषकों को लाइफ सेविंग तकनीक, वाटर स्पोर्ट्स तथा पावर बोट हैंडलिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के माध्यम से समिति के सदस्यों को मोटरबोट संचालन का प्रशिक्षण तो मिलेगा ही, साथ ही आपातकाल तथा आपदा की स्थिति में भी इनके द्वारा लोगों को डूबने से बचाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकेगा।झारखंड के मत्स्य निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक अभी राज्य में करीब 35 पॉवर मोटरबोट का वितरण विभिन्न योजनाओं के तहत किया गया है। प्रत्येक वोट पर दो व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस अवसर पर निदेशक, मत्स्य, डाॅ.एचएन द्विवेदी ने बताया कि मोटर साईकिल चलाना तथा प्रशिक्षित होकर चलाना दोनों अलग-अलग बातें है। किसी भी काम को प्रारंभ करने के लिए प्रशिक्षण जरूरी है। इस प्रशिक्षण के उपरान्त हमारे मत्स्य कृषक अपने सदस्यों को भी प्रशिक्षित करेंगे तथा लोगों का जीवन बचाने हेतु एक ग्रुप तैयार हो सकेगा। साथ ही इससे मत्स्य उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इस प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षण में सफल लाभुकों को मोटरबोट चलाने का लाईसेंस भी प्रदान किया जाना है, जो लाइसेंस सर्वभारत में अनुमान्य होगा।
इस अवसर पर संयुक्त मत्स्य निदेशक, मनोज कुमार, मुख्य अनुदेशक, प्रशांत कुमार दीपक, सीमा कुमारी कुजूर सहित साठ से अधिक मत्स्य कृषक उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन स्वर्णलता मधु लकड़ा, अलका कच्छप, सरेन्द्र चौधरी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी ने किया। एनआइडब्ल्यूएस, गोवा से आए अमिताभ मैत्री, एन मुरूकेशन तथा नितिन आर वस्तु विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित करेगें। उक्त जानकारी मत्स्य निदेशालय के मुख्य अनुदेशक प्रशांत कुमार दीपक ने दी।

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