मणिपुर में जातिय हिंसा को लेकर पोस्ट ऑफिस चौक में झुमुमो ने भाजपा का किया पुतला दहन
चाईबासा। मणिपुर में जातीय हिंसा और कुकी जनजाति की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर खुलेआम सड़कों पर घुमाने तथा उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने की अत्यंत घृणित व अमानवीय घटना, और इस पूरी घटना के प्रति भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र और राज्य सरकार की संवेदनहीनता के विरोध में झामुमो प० सिंहभूम जिला समिति ने पोस्ट आफिस चौक में भाजपा तथा केन्द्र सरकार और मणिपुर सरकार का पुतला दहन किया । पूरे देश को शर्मशार करने वाली इस घटना से आक्रोशित झामुमो नेताओं ने भाजपा और मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि आरएसएस और भाजपा के इशारे पर एक सुनियोजित साजिश के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों के खिलाफ जघन्य हिंसात्मक कार्रवाई की जा रही है । मणिपुर की घटना अत्यंत घृणित और मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है जिसने पूरे देश को कलंकित करने का काम किया है । हम इस घटना की कड़ी निन्दा करते हैं । पिछले ढाई महीनों से जातीय हिंसा की आग में मणिपुर जल रहा है लेकिन जानबूझ कर भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने हिंसा रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया । हिंसा को और भड़कने दिया । महिलाओं का बलात्कार हो रहा था, उनके साथ खुलेआम सड़कों पर दरिंदगी की जा रही थी राज्य सरकार और केंद्र सरकार को सब पता था लेकिन उसने तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जब तक कि घटना का वीडियो वायरल नहीं हुआ । 77 दिनों तक मामले को दबाए रखा गया । वीडियो वायरल होने के बाद सीजेआई द्वारा स्वत: संज्ञान लेने के कारण 77 दिनों बाद मजबूरी में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इस पर अपना मुंह खोलते हैं । भाजपा के तमाम बड़े नेता वीडियो वायरल होने के टाईमिंग को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं । भाजपा को इस घटना के पीड़ित महिलाओं से कोई हमदर्दी नहीं है, कोई संवेदना नहीं है बल्कि उन्हें इस बात से तकलीफ है कि ये वीडियो अभी क्यों वायरल हुआ । भाजपा नेताओं का ये व्यवहार, महिलाओं के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है, भाजपा के चाल और चरित्र को उजागर करता है । भाजपा ने वोट के लिए, सत्ता के लिए, हमेशा जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम किया है । नफरत और हिंसा की राजनीति को बढ़ावा देने का काम किया है । मणिपुर की यह शर्मनाक घटना इसी का नतीजा है । नफरत और हिंसा की राजनीति ने आज देश को किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है ? अहिंसा परमो धर्म का नारा देने वाला देश आज कहां जा रहा है ? यह अत्यंत निंदनीय है । हम पीड़ित महिलाओं के लिए न्याय की मांग करते हैं साथ ही महामहिम राष्ट्रपति से हम मांग करते हैं कि मणिपुर के मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर मणिपुर की सरकार को बर्खास्त करें । पुतला दहन कार्यक्रम में सोनाराम देवगम, इकबाल अहमद, राहुल आदित्य, भुवनेश्वर महतो, सुनील कुमार सिरका, निसार हुसैन उर्फ डोगर, चम्बरु जामुदा, दिनेश जेना, अभिषेक सिंकु, कैसर परवेज, मंजीत हासदा, सनातन पिंगुवा, विश्वनाथ बाड़ा, अर्जुन बानरा, मो० फिरोज, देवेन्द्र बारी, मानाराम कुदादा, मोनिका बोयपाई, सुखमति बानरा, मनोज लागुरी, हिमांशु कुमार राय, राहुल तिवारी, सतीश सुंडी, डिम्बू तियु, जवाहर बोयपाई, जयसिंह पुरती, मो० समद, मो० मोजाहिद, गोकुल पोलाई, पीरु हेम्बरोम, दीपक नायक, नकुल पिंगुवा, गितेश कुमार, इम्तियाज अहमद, प्रधान गोप, राजू ठाकुर, दोफेदार हेस्सा, उदय पुरती, अनिल लकड़ा, हरिचरण हेम्बरोम, अजीजुल, जोन तुविड, प्रभु सहाय देवगम, राजू पुरती, सत्यवान बुड़ीउली, देव कुमार बहान्दा, सुकरा गोप, पंकज खलखो, शिवचरण मछुवा, गुरुचरण पुरती, भोला प्रमार, तगड़ा बानरा, शेख हुसैन समेत अन्य झामुमो कार्यकर्ता शामिल रहे –