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आईडीटीआर में जनजातीय गौरव दिवस पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन छात्र-छात्राओं ने विखेरे जलवे

आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा यह निर्णय लिया गया है। उक्त बातें इंडो डैनिश टूल रूम जमशेदपुर में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जाने माने साहित्यकार सह प्रथम संथाली साहित्य एकडमी अवार्ड विजेता भोगला सोरने ने कही।

बिरसर मुंडा की जयंती के अवसर पर उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए श्री सोरेन ने कहा कि बिरसा मुंडा ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने शोषक ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह मुंडा जनजाति के थे। उन्होंने 19वीं शताब्दी में वर्तमान बिहार और झारखंड के आदिवासी क्षेत्र में एक भारतीय आदिवासी धार्मिक सहस्त्राब्दि आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने आईडीटीआर द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार का आयोजन आने वाली पीढ़ियों को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों से अवगत कराएगा। सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और राष्ट्रीय गौरव और आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आदिवासियों द्वारा किए गए प्रयासों को सम्मान देने के लिए कारगर साबित होगा। इस अवसर पर आईडीटीआर के छात्र – छात्राओं द्वारा भगवान बिरसा मुडा के सम्मान में रंगारंग गीत -संगीत नृत्य एवं नाटक प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजली दी गई। इसके पूर्व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। स्वागत भाषण सीनियर मैनेजर टेनिंग एस घोष , तथा धन्यवाद ज्ञापण डा0 रामबाबू वर्मा ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में मैनेजर टेनिंग रतन दास गुप्ता,ज्येति रजक,प्रियंका,मिली कुंवर,सुमीत सिंह,एके सिंह,आरपी सिन्हा,मनीष ठाकूर,बहादूर हांसदा,एसी दूबे की भूमिका सराहनीय रही। इस अवसर पर काफी संख्या में आईडीटीआर के अधिकारी कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

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