विशेष संवाददाता
रांची। झारखंड सरकार के कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (मत्स्य प्रभाग) के अधीनस्थ मत्स्य निदेशालय द्वारा मत्स्य बीज उत्पादकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया। मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र,शालीमार, धुर्वा के सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए मत्स्य निदेशालय के निदेशक डॉ.एचएन द्विवेदी ने मत्स्य उत्पादकों का उत्साहवर्धन किया। प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ.द्विवेदी ने कहा कि मत्स्य बीज उत्पादकों के सहयोग से झारखंड मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि किसी भी फसल के उत्पादन में बीज की गुणवत्ता काफी महत्वपूर्ण होती है। प्रशिक्षण का लाभ उठाकर मत्स्य उत्पादन में सहयोग करने की उन्होंने अपील की। मत्स्य बीज उत्पादकों को जल संरक्षण करते हुए इस दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने का आह्वान किया। मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए उन्होंने मत्स्य बीज उत्पादकों के योगदान की सराहना की। उनके निर्देशानुसार प्रशिक्षणार्थियों ने सभी ताल-तलैया को मत्स्य बीज से आच्छादित करने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा कि मत्स्य बीज उत्पादन में झारखंड आत्मनिर्भर हो चुका है, इसके लिए राज्य के सभी मत्स्य बीज उत्पादक बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने बताया कि मत्स्य बीज उत्पादकों के लिए चरणबद्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम कुल 11 बैच में जुलाई 2023 तक आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अनुदेशक प्रशांत कुमार दीपक, मुख्य अनुदेशक सीमा कुजूर, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी स्वर्णलता मधु लकड़ा, सुश्री सबा अहमद, आयुष कुमार, व्याख्याता कुंदन देव, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सुरेंद्र चौधरी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी अलका कच्छप सहित अन्य मौजूद थे।