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झारखंड के युवाओं का दल पहुंचा, पोर्ट ब्लेयर की रांची बस्ती

जमशेदपुर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक भारत,श्रेष्ठ भारत”परिकल्पना के अंतर्गत भारत के विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक एकता एवं पहचान के सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत झारखंड के आदिवासी युवक,युवतियों का दल, पोर्ट ब्लेयर स्थित रांची बस्ती पहुंचा। भारत सरकार के महत्वपूर्ण एवं महत्वकांक्षी योजना” युवा संगम” के अंतर्गत, यह यात्रा संपन्न हुई। पोर्ट ब्लेयर की रांची बस्ती में झारखंड के लोग बड़ी मात्रा में निवास करते हैं। वर्षों पूर्व झारखंड से पोर्ट ब्लेयर में जाकर निवास करने वाले आदिवासी अपनी सभ्यता, संस्कृति एवं परंपरा को विद्यमान रखे हुए हैं। पोर्ट ब्लेयर की यह रांची बस्ती 300 साल पुरानी है। युवा संगम अभियान के अंतर्गत 45 आदिवासी युवा, पोर्ट ब्लेयर की यात्रा कर रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान झारखंड के युवाओं ने कई ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा किया। जिनमें बलिदान वेदी, नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप, नया टर्मिनल हवाई अड्डा आदि पर।प्रमुख है। समुद्र तट पर युवाओं ने सफाई अभियान भी चलाया। युवाओं के इस प्रतिनिधिमंडल ने बारातांग की भी याता की। राँची वालों के नाम से मशहूर स्थानीय निवासियों से भी मुलाकात की। उनके दैनिक जीवन के कार्यकलापो, उनकी परंपराओं और सांस्कृतिक विशेषताओं का अध्ययन किया। यह लोग ब्रिटिश काल में छोटानागपुर से आकर यहां पर बस गए थे और तब से उन्होंने अपनी परंपरा एवं संस्कृति को जीवित रखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक भारत,श्रेष्ठ भारत”परिकल्पना के अंतर्गत भारत के विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक एकता एवं पहचान के सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत झारखंड के आदिवासी युवक,युवतियों का दल, पोर्ट ब्लेयर स्थित रांची बस्ती पहुंचा। भारत सरकार के महत्वपूर्ण एवं महत्वकांक्षी योजना” युवा संगम” के अंतर्गत, यह यात्रा संपन्न हुई। पोर्ट ब्लेयर की रांची बस्ती में झारखंड के लोग बड़ी मात्रा में निवास करते हैं। वर्षों पूर्व झारखंड से पोर्ट ब्लेयर में जाकर निवास करने वाले आदिवासी अपनी सभ्यता, संस्कृति एवं परंपरा को विद्यमान रखे हुए हैं। पोर्ट ब्लेयर की यह रांची बस्ती 300 साल पुरानी है। युवा संगम अभियान के अंतर्गत 45 आदिवासी युवा, पोर्ट ब्लेयर की यात्रा कर रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान झारखंड के युवाओं ने कई ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा किया। जिनमें बलिदान वेदी, नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप, नया टर्मिनल हवाई अड्डा आदि पर।प्रमुख है। समुद्र तट पर युवाओं ने सफाई अभियान भी चलाया। युवाओं के इस प्रतिनिधिमंडल ने बारातांग की भी याता की। राँची वालों के नाम से मशहूर स्थानीय निवासियों से भी मुलाकात की। उनके दैनिक जीवन के कार्यकलापो, उनकी परंपराओं और सांस्कृतिक विशेषताओं का अध्ययन किया। यह लोग ब्रिटिश काल में छोटानागपुर से आकर यहां पर बस गए थे और तब से उन्होंने अपनी परंपरा एवं संस्कृति को जीवित रखा है।

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