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भोजपुरी, मगही एवं मैथिली भाषा को स्थानीय भाषा को शामिल करने की माँग को लेकर भाजमो जमशेदपुर महानगर ने मुख्यमंत्री को प्रेषित एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा

भाजमो जमशेदपुर महानगर के प्रतिनिधिमंडल ने जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव के नेतृत्व में राज्य के मुख्यमंत्री को प्रेषित एक ज्ञापन जिला उपायुक्त को सौंपकर मगही, भोजपुरी, मैथली और अंगिका भाषा को राज्य स्तरीय परीक्षा में स्थानीय भाषाओं को सुची में शामिल करने की मांग की । भाजमो जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि विगत 5 अगस्त 2021 को झारखंड के कैबिनेट में राज्य स्तरीय परीक्षा जैसे जेपीएससी, एसएससी आदि में 30 अंक की परीक्षा स्थानीय भाषा में देना अनिवार्य किया है। कुल 12 स्थानीय भाषाओं को इस में शामिल किया गया । जिसमें उर्दू, संथाली, बांग्ला, मुंडारी, हो, खड़िया, कूडक, कुरमाली, खोरला, नागपुरी, पंचपरगनिया, उड़िया को शामिल किया गया। किंतु मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं मैथली भाषा को इस परीक्षा में शामिल नहीं किया गया है । जबकि झारखंड राज्य में मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली भाषा की एक बड़ी जनसंख्या है इन चार भाषाओं को परीक्षा में ना जोड़ने से कहीं ना कहीं इन समाज में रोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है। झारखंड के लगभग 35 प्रतिशत आबादी इन भाषाओं का प्रयोग करती है । भाजमो ने कहा की यह सीधे तौर पर झारखंड में निवास करने वाले लगभग 40 लाख लोगों के साथ अन्याय है। सरकार को यह भी बताना चाहिए की उर्दू कब से झारखंड की स्थानीय भाषा हो गई है । सरकार को जल्द से जल्द कैबिनेट के फैसले में संसोधन कर मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली भाषाओं को राज्य स्तरीय परीक्षा में शामिल करना चाहिए । इस दौरान भाजमो जिला महामंत्री कुलविंदर सिंह पन्नु, मंत्री विकास गुप्ता, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद, प्रवक्ता आकाश शाह, अल्पसंख्यक भाषाई प्रकोष्ठ के जिलाअध्य्क्ष भागवत मुखर्जी, बिरसानगर मंडल अध्यक्ष एम चंद्रशेखर राव, कार्यालय प्रभारी प्रेम करण पांडेय, शंकर कर्माकर, सोनी सिंह, जोगी पांडेय एवं अन्य उपस्थित थे।

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