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किसके इशारे पर चलते हैं रामगढ़िया सभा के पदाधिकारी, प्रायोजक मिलने पर हेल्थ जांच शिविर

जमशेदपुर। लौहनगरी के रामगढ़िया सिख बिरादरी की संस्था रामगढ़िया सभा का यह हाल हो गया है कि एक व्यक्ति के इशारे पर पदाधिकारी चलने को मजबूर हो गए हैं?
उस व्यक्ति के कहने पर रामगढ़िया सभा ने 26 फरवरी रविवार को निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन विश्वकर्मा टेक्निकल इंस्टिट्यूट में किया है। संसाधनों से भरपूर इस सभा ने निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर के लिए नाम्या फाउंडेशन की सहायता ली है। यह तो अंदर खाते में है कि नामया फाउंडेशन मदद कर रहा है अथवा कुछ झोलझाल है।
इस स्वास्थ्य शिविर में फोर्टिस अस्पताल एवं एएसजी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं देंगे। यहां सभा से जुड़े पुराने एवं वरिष्ठ सदस्य सवाल उठा रहे हैं कि जो फोर्टिस एवं एएसजी अस्पताल किसी गरीब की मदद नहीं करते ना ही प्राथमिक चिकित्सा करने में रुचि रखते हैं।
क्या निशुल्क जांच की आड़ में अस्पतालों को बिजनेस देने की तैयारी तो नहीं हो रही है ?
पुराने पदाधिकारी एवं सदस्य यह तर्क दे रहे हैं कि सभा के पास अच्छा खासा फंड है और उस फंड के द्वारा विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है और इसका फायदा गरीब तबकों को पहुंचाने के लिए पिछड़े इलाकों में कैंप लगाने की जरूरत है।
यहां रामगढ़िया सभा के ज्यादातर सदस्य आर्थिक रूप से समृद्ध हैं और शहर में अपनी पहचान रखते हैं। वे देश क्या विदेश के किसी हिस्से में जाकर अपनी स्वास्थ्य की जांच करवा सकते हैं तो फिर स्वास्थ्य जांच शिविर का मकसद क्या हो सकता है।
अभी हाल के चुनाव में सरदार केपीएस बंसल ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है परंतु उनकी जीत में बड़ी भूमिका एक वेंडर की रही है जो इस सभा का स्थाई सदस्य है और उसे पदाधिकारी भी बनाया गया है। जबकि किसी भी निबंधित संस्था में वेंडर पदाधिकारी तो क्या प्राथमिक सदस्य तक बनने की पात्रता नहीं रखता है। वेंडर के प्रभाव में ही कमेटी का गठन हुआ है और वेंडर का पीआर इतना जबरदस्त है कि वह सिखों के साथ ही अन्य धर्म के प्रभावशाली लोगों के संपर्क का फायदा उठा रहा है। अध्यक्ष को तो अब उसकी कठपुतली कहा जा रहा है। अब आने वाले समय में ही यह तय होगा कि इस निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का फायदा आम लोगों को मिला है अथवा कुछ वारा न्यारा किया गया है।

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