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भगवान महादेव ने सर्व प्रथम माता पार्वती को भागवत कथा सुनने का बताया महत्व

जमशेदपुर: श्री राजस्थान नवयुवक संघ में श्रीमद्भागवत सप्ताह के द्वितीय दिन कथावाचक सचितनय प्रभु प्रभु जी ने कथा कहां से आरंभ हुई थी उसके बारे में जानकारी दी l प्रथम कथा महादेव ने माता पार्वती जी को एक गुफा के अंदर सुनाई थी।।वहां एक तोता चुपके कथा सुन रहा था l महादेव जी ने माता पार्वती को कहा था कि मैं कथा में मगन हो जाऊंगा, इसलिए आप मुझे बार-बार बीच-बीच में आवाज देते रहना। कथा में इतना रस था कि पार्वती जी को घोर निद्रा आ गई और पार्वती जी की जगह पर वह तोता आवाज देता रहा l कथा समाप्ति के बाद महादेव जी का ध्यान टूटा तो उनकी नजर तोते पर गई l चूंकि श्रीमद्भागवत महापुराण अमृत्व कथा है। इसलिए वह तोता अमर हो चुका था, परंतु भगवान उसको मारने के लिए उठे तो वह तोता ऊड़ते हुए पृथ्वी लोक आ गया और वह ब्यास देव की पत्नी के गर्भ में छुप गया l बाद में भगवान श्री विष्णु के कहने पर कुछ पल के लिए माया को धरती से अंतरध्यान दिया गया और सुखदेव गोस्वामी जी का जन्म हुआ जो कि माया से मुक्त रहें l उसके बाद द्वितीय कथा श्री नारद मुनि के कहने पर चतुरसन ऋषयों ने भक्ति देवी के दोनों पुत्रों ज्ञान और वैराग्य को सुनाई थी। सुखदेव गोस्वामी ने नौमी शरण में परीक्षित महाराज को कथा सुनाई थी l और इस तरह से कथा का आरंभ हुआ l
कथा सुनने के लिए स्वदेशी जागरण मंच की जिला संयोजक राजपति देवी एवं उनके साथ मंच की सदस्यों के साथ साथ आयोजन समिति से विजय अग्रवाल, हरिओम गोयल, शिव प्रकाश शर्मा, बापी पात्रा, अमित, प्रमोद अग्रवाल, श्याम माहेश्वरी, भाजपा नेत्री प्रीति सिन्हा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए l कथा के उपरांत आरती हुई l सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद प्राप्त किया l

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