बुद्धिमान मनुष्य शैशव काल से ही ध्यान करें तो ज्यादा अच्छा है ध्यान करने से मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता है एवं जो डिप्रेशन के शिकार लोग हैं उनके लिए यह बहुत बड़ी चिकित्सा है
जमशेदपुर एवं उसके आसपास के जितने भी आनंद मार्ग द्वारा संचालित स्कूल है उनके शिक्षक
पांच दिवसीय शिक्षा प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे हैं
वैश्विक महामारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए निकटवर्ती आनंद नगर में
आनंद मार्ग के शिक्षा त्राण व कल्याण विभाग द्वारा पांच दिवसीय शिक्षण प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत आनंद मार्ग के मुख्यालय निकटवर्ती आनंद नगर में हुई, आज 16 दिसंबर प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन आचार्य स्वरूपानंद अवधूत ने योग करवाया योग के विषय पर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बुद्धिमान मनुष्य शैशव कालसे ही ध्यान करें तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि मनुष्य का शरीर दुर्लभ है उससे भी अधिक दुर्लभ है वह जीवन साधना करने के द्वारा सार्थक हुआ है हर कर्म उचित समय परकरना चाहिए उदाहरण देते हुए उन्होंनेकहा किे असार महीने में धान की रोपनीहोनी चाहिए और अगहन मैं कटनी कोईअगर अगहन में रो पनी करे तो मुश्किल होजाएगा काम नहीं होगा ठीक वैसे ही कोईमनुष्य अगर सोचे कि बुढ़ापे में ध्यान करेंसाधना करेंगे या बहुत ही बड़ी भूल होगी बुढ़ापा हर मनुष्य के जीवन में नहीं आएगायह भी हो सकता है कि कल का सूर्योदयहर जीवन में ना हो इसलिए कोई भी कामकल के लिए नहीं छोड़ना चाहिए जो कुछभी अच्छा काम करने की इच्छा होती हैतुरंत कर लेना चाहिए मनुष्य में थोड़ा बहुतज्ञान थोड़ी बहुत बुद्धि का उदय होता हैचार पांच साल की उम्र में ही सही साधनामार्ग में आ जाना चाहिए ध्यान के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि ध्यान करने सेमनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता है एवं जो डिप्रेशन के शिकार लोग हैं उनके लिए यह बहुत बड़ी चिकित्सा है