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ए डी एल सोसाइटी, कदमा मे भ्रष्टाचार थामने का नाम ही नही ले रहा है

जमशेदपुर। हाल ही मे वाई ईश्वर राव ने द्वारा सोसाइटी कि आम सभा 31 मार्च को बुलाई गया थी जिसे अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम ने पूर्व महासचिव श्री के गुरू नाथ राव के शिकायत पर निरस्त कर दिया।
उसके बाद भी वाई ईश्वर राव बाज नही आ रहे है, हाल ही मे सोसाइटी द्वारा संचालित मध्य विध्यालय मे शिक्षक भर्ती का नया भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश मे आया है! यह आप रामा राव ने लगाया है उन्होंने बताया कि
शिक्षक भर्ती में भारी भ्रष्टाचार होने की बात सामने आई है, जिसमें प्रबंध समिति के लोग और उच्च विध्यालय के प्रधानअध्यापक प्रभात कुमार सिंह कि संलिप्ता होने कि खबर है।

ये शिक्षक भर्ती मध्य विध्यालय का है जिसकी हेडमेसेस के वाणीश्री है, उनको इस चयन प्रक्रिया से दूर रख कर वाई ईश्वर राव, स्कूल सचिव नागेश नायडू और उच्च विध्यालय के प्रधानअध्यापक प्रभात कुमार सिंह ने आपस मे अपने लोगो को भर्ती करवाई है भ्रष्टाचार कर के।

जिन शिक्षको की भर्ती होने जा रही है, उनमें से एक भी तेलगु भाषी नही है. जब कि शिक्षक भर्ती के लिए अखबार मे निकले गए विज्ञापन मे तेलगु भाषी को प्राथमिकता देने कि बात कही गई थी।

कुल 7 शिक्षको कि रिक्त पदों कि भर्ती के लिए लिखित परिक्षा भी हुई, और लिखित परीक्षा मे उत्तीर्ण हुए 7 छात्रों का शिक्षक के लिए चयन भी किया गया उनमें से 2 तेलगु भाषी भी थे।

पर प्रबंध समिति के वाई ईश्वर राव, विध्यालय सचिव नागेश नायडू और उच्च विध्यालय के प्रधानअधियापक प्रभात कुमार सिंह ने मिल कर अपने निजी स्वार्थ के लिए उन दो चयनित तेलगु भाषी शिक्षकों कि योग्यता को ऊपर नीचे कर शिक्षा विभाग को गुमराह कर के बहाली से वंचित कर दिया।

जिन शिक्षको का चयन एवम भर्ती होने जा रहा है उनका विवरण इस प्रकार है:

1) स्वेता कुमारी सिंह ( उच्च विध्यालय के प्रधानअध्यापक प्रभात कुमार सिंह कि अपनी भतीजी है)।

2) नेहा कुमारी ( उच्च विध्यालय के प्रधानअध्यापक प्रभात कुमार सिंह के दोस्त और भारत सेवा आश्रम संघ के द्वारा संचालित विध्यालय के पूर्व शिक्षक लाल चंद सिंह कि बेटी है )।

3) प्रीति यादव
4) अमन अनुराग और
5) पूर्णिमा दत्ता ( तीनों शिक्षकों के भर्ती मे विध्यालय प्रबंधन और् प्रभात कुमार सिंह कि संलिप्तता होने की खबर है)।

इन सभी को देखते हुए पूर्व महासचिव श्री के गुरु नाथ राव जी ने जिले के तमाम उच्च प्रशासनिक पदाधिकारी, तमाम शिक्षा विभाग के पधाधिकारी एवम झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव से शिकायत कि।

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