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बिल्ला की पत्नी ने गुरमुख सिंह मुखे, अंबे और शूटरों की पहचान की, गुरप्रीत की तबीयत बिगड़ी, प्रतिपरीक्षण अधूरा

रविंद्र सिंह सोहल

बिल्ला जिसपर हुआ था हमला
जमशेदपुर। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरुचरण सिंह बिल्ला जानलेवा हमले प्रकरण में शनिवार को उसकी पत्नी गुरप्रीत कौर ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिंह के न्यायालय में गवाही देते हुए पूर्व प्रधान गुरुमुख सिंह मुखे एवं अमरजीत सिंह अंबे के साथ ही शूटर राजकिशोर महतो एवं उत्तम पंडा की पहचान की।
मुखे की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से और अंबे ने सशरीर पेशी दी जबकि कथित शूटरों की ओर से उनके वकीलों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
उन्होंने 9 नवंबर 2019 के भोर सवा चार बजे की घटना का जिक्र किया और बताया कि आकाशदीप प्लाजा के सामने अमरजीत सिंह अंबे गाड़ी चला रहा था और गुरमुख सिंह मुखे बैठा था। आदिवासी स्कूल के सामने तीन मोटरसाइकिल पर दो दो आदमी सवार थे। उनमें से एक ने पति के सर पर पिस्टल सटाया। पति ने झटका तो पिस्टल गिर गया और वे आगे भागे। किसी के घर में घुसने का प्रयास किया तो दरवाजा बंद था। पीछे से आ रहे हैं हमलावरों ने उन पर चार-पांच गोलियां दागी। पति जमीन पर गिर पड़े तो उन लोगों ने कहा कि मुखे और अंबे से पंगा लेने वाले का यही अंजाम होता है।
इसके साथी उसने एफआईआर तथा 164 के दिए बयान की पहचान की और उसके साथ ही उसने कोर्ट को बताया कि अखबार में पढ़ा कि हमलावर गिरफ्तार हुए हैं और फिर जेल में हुए टीआई परेड में दोनों हमलावरों की पहचान की थी।
गुरप्रीत कौर ने यह भी बताया कि पति झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष बने तो मुखे और अंबे उनसे खार खाते थे। उसके पति गुरु चरण सिंह टिनप्लैट गुरुद्वारा के प्रधान थे। एक बार पति के साथ अंबे का झगड़ा हुआ था तो अंबे की पगड़ी गिर गई। तब अंबे ने कहा था पगड़ी तब बांधूंगा जब बिल्ला को जान से मार दूंगा।
न्यायालय में शनिवार को आरोपी राज किशोर महतो एवं उत्तम पंडा की ओर से प्रति परीक्षण किया गया और इसी क्रम में गुरप्रीत कौर की तबीयत बिगड़ गई तो न्यायालय ने सुनवाई की तारीख अगली तिथि तक के लिए टाल दी।

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