बालीगुमा जाहेर थान में संताल आदिवासियों ने माघ पूजा की
जमशेदपुर । बालीगुमा जाहेर थान में संताल आदिवासियों ने माघ पूजा की गयी। माघ का महीना नववर्ष होता है।प्रत्येक वर्ष की तरह माघ महीना के पाँचवें दिन को अपने ईष्ट देवताओं को मुर्गा का बलि दिया गया। माघ पूजा के बाद ही जंगल से अपने जरूरत की पूर्ति के लिए प्रवेश करते हैं।जड़ी बूटी, जंगली साग,जंगली घास आदि का उपयोग में लाते हैं।ऐसा मान्यता है कि बिना माघ पूजा किये जंगल प्रवेश करने के कई तरह की दिक्कतें आती है।पशुधन पर जंगली जानवरों द्वारा क्षति होती है।
माघ पूजा के बाद ही डाकुवा (जोगमाझी) और घरेलू काम हेतु श्रमिक (गुति) का बदलाव का समय होता है।
गाँव के उपस्थित लोगों ने अपने ईष्ट देवताओं से गाँव समाज की सुख शान्ति और भाईचारा बनाये रखने के लिए प्रार्थना किया और प्रसाद स्वरूप खिचड़ी का उपभोग किया।
इस अवसर पर नायके बाबा मोहन हांसदा, माझी बाबा रमेश मुर्मू, पप्पू सोरेन, लुगू हांसदा,मदन मोहन सोरेन, हड़ीराम सोरेन, अर्जुन किस्कु, विमल सोरेन, ठाकुरदास मुर्मू, भागीरथ सोरेन, अर्जुन हांसदा, विश्वनाथ मुर्मू, कार्तिक मुर्मू,सलखान मार्डी, रघुनाथ सोरेन, लाछू सोरेन,कार्तिक मार्डी आदि उपस्थित थे।