बर्मामाइंस गुरुद्वारा : 31 दिवसीय सुखमणि साहेब के पाठ का समापन, बंटा लंगर
श्री दरबार साहेब में हुए सिख शहीदों के नरसंहार और कविशर जसबीर सिंह की याद में हुई विशेष अरदास
बर्मामाइंस गुरुद्वारा में सिख स्त्री सत्संग सभा द्वारा किये जा रहे 31 दिवासीय सुखमणि साहेब के पाठ का शनिवार को समापन हो गया. शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस को समर्पित यह पाठ किये जा रहे थे. शनिवार को 31वें दिन पाठ के साथ गुरबाणी कीर्तन गायन किया गया. इसके बाद ग्रंथी बाबा इकबाल सिंह ने अरदास की और संगत के बीच गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया.
इस दौरान 1984 में तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा दरबार साहेब अमृतसर में हुए सिख श्रद्धालुओं के नरसंहार को याद करते हुए सिख शहीदों के लिए विशेष अरदास की गई. वहीं जमशेदपुर के प्रख्यात कविशर जसबीर सिंह, उनके दामाद और एक साथी जिनकी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के पास एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. उनकी आत्मा की शांति के लिए भी विशेष अरदास हुई. गुरुद्वारा कमेटी के सतबीर सिंह सोमू ने बताया कि कविशर जसबीर का शहरवासियों से बहुत लगाव था. वह जब भी जमशेदपुर आते थे उनसे मुलाकात होती थी. उनकी आवाज में एक जोश था जो सिख संगत को इतिहास और गुरबाणी से जोड़े रखती थी. इस तरह उनका असमय चले जाना सिख समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है. वाहेगुरु उनकी रूह को अपने चरणों में निवास बख्शे और परिवार को दुख सहने की हिम्मत दें.
कार्यक्रम को सफल बनाने में नवनिर्वाचित प्रधान सविंदर सिंह, गुरदयाल सिंह, रवींद्र सिंह, जोगा सिंह, हरबजन सिंह, सुखपाल सिंह, चंचल सिंह, सतबीर सिंह सोमू, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह, जसबीर सिंह, गुरदर्शन सिंह, गुरमीत सिंह, लख़बीर सिंह, सरबजीत सिंह, गुरमीत सिंह, जसपाल सिंह, परविंदर कौर, सुरजीत कौर , राजवंत कौर, प्रकाश कौर, हरजीत कौर, सुरेंद्र कौर, कवलजीत कौर आदि का सहयोग रहा.