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बन चिराग चलता चल…


जिंदगी की राह में, कदम मिलाकर चलता चल। गम मिले कि मिले खुशी, तुम मुस्कुरा के वढ़ता चला। यह न सोच की क्या मिला, अंधेरे को न कोसना, तू बन चिराग चलता चल।। जीवन आनी जानी हैं, पल_ दो पल की कहानी है, ध्यान लगाकर सुन जरा, ये गीता की जुबानी है। कर्म सदा तू करता चल, फल की इच्छा मत कर। फिर देख कैसे दुनिया ये, बनती तेरी दीवानी है।। हौसले को रखा कर। औरों की न आस रख, खुद पे तू विश्वास कर। हो नया सवेरा, मिटेगा घोर अंधेरा। पिघलेग ये पीर पहाड़, कदम तो रख तू जमकर।। अवानि से अम्बर तक, फैल रहा प्रकाश है। जो कभी झुकता नहीं, उम्मीदों का आकाश है। चल सदा तू चलता चल, आगे_आगे बढ़ता चल। होगा तेरा जय_जयकार हमको तो विश्वास है।।
लक्ष्मी सिन्हा
प्रदेश (संगठन सचिव)
महिला प्रकोष्ठ #रालोजपा (बिहार) पटना सिटी।

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