प्रीतपाल की भगवान सिंह को खुली चुनौती
दिन, समय स्थान निर्धारित करें आमने-सामने बहस होगी
जमशेदपुर। बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष तथा सेंट्रल सिख नौजवान सभा के पूर्व केंद्रीय महासचिव सरदार प्रितपाल सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह को सार्वजनिक बहस की खुली चुनौती दी है। प्रीतपाल सिंह ने 16 जून और 22 जून की घटना की याद दिलाते हुए कहा है कि यदि भगवान सिंह सच्चे होते तो गुप्त मतदान की प्रक्रिया पूरी करते।
भगवान सिंह और उनकी टीम ने संगत के सामने बड़ी-बड़ी बातें की थी कि गुप्त मतदान प्रक्रिया से ही अब नया प्रधान चुना जाएगा जबकि पहले से सरदार कुलविंदर सिंह वहां प्रधान के रूप में कार्य कर रहे थे।
केवल और केवल कुलविंदर सिंह को समाज एवं शहर में नीचा दिखाने के लिए ही सारी रणनीति सेंट्रल कमेटी के दफ्तर में बैठकर बनाई गई।
ठीक है कुलविंदर सिंह के मामले को हम छोड़ देते हैं।
भगवान सिंह पंजाब से बैठकर कहते हैं कि अवतार सिंह सोखी के प्रधान बनने के मामले में संविधान का पालन हुआ है। यदि भगवान सिंह और उनकी कमेटी सच्ची और पाक साफ थी तो जिस प्रकार से 22 जून को आम सभा की थी उसी तरह से फिर संगत को बारीडीह गुरुद्वारा में बुलाते और उनके सामने अवतार सिंह सोखी को चुने जाने का फैसला सुनाते। चोरी चोरी अवतार सिंह के नाम की घोषणा नहीं करते। वैसे धर्म प्रचार अकाली दल तथाकथित प्रधान अवतार सिंह सोखी की पोल संगत के समक्ष खोल चुका है, फिर भी भगवान सिंह संविधान की गलत दुहाई दे रहे हैं।
सरदार प्रितपाल सिंह के अनुसार यदि संविधान सम्मत अवतार सिंह सोखी का चयन हुआ है तो खुले रूप से सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं। सरदार भगवान सिंह स्वयं दिन, स्थान और समय निर्धारित कर दें। वहां पहुंच जाएंगे,
वे उनके साथ अकेले आमने-सामने बैठेंगे। संगत होगी और मीडिया होगी।
यदि बहस में वे साबित कर देंगे कि अवतार सिंह सोखी का चयन सही है तो समाज जो तनख्वाह दंड उन्हें लगाएगा वह उसे भुगतने के लिए तैयार रहेंगे। प्रितपाल के अनुसार उन्होंने बहस के लिए आवेदन सरदार भगवान सिंह के व्हाट्सएप पर भेज दिया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह उसे स्वीकार करेंगे।