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कांग्रेस द्वारा पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर प्रदर्शन पर भाजपा ने कसा तंज, कहा केंद्र की तरह राजकीय वैट को कम कर फौरन जनता को राहत दे झारखंड सरकार।

जमशेदपुर। कांग्रेस पार्टी द्वारा पेट्रोल-डीज़ल के कीमत एवं महंगाई पर किये जा रहे प्रदर्शन को भाजपा ने सिर्फ राजनीति बताया है। सोमवार को भाजपा महानगर अध्यक्ष गुँजन यादव ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस का यह प्रदर्शन सिर्फ दिखावा और छलावा है। गुँजन यादव ने कहा कि झारखंड की कांग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार जनता के पॉकेट मारने का काम कर रही है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतागण जिस जोश के साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें राज्य सरकार को उसी जज्बे के साथ घेरना चाहिए। जिससे कि झारखंड सरकार अपने हिस्से के वैट को शीघ्र कम कर जनता को राहत दे सके। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार 22 प्रतिशत वैट एवं 1 रुपये सेस के माध्यम से पेट्रोल में 17 रुपये एवं डीजल में 12.50 रुपये जनता के पॉकेट से वसूल रही है। परंतु कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी से साफ है कि उनका मकसद जनता को राहत देना नहीं है, बल्कि पेट्रोल-डीज़ल के दाम पर सिर्फ राजनीति करना है।

वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर प्रवक्ता प्रेम झा ने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि हिंदी की एक बहुत प्रचलित कहावत है ‘घड़ियाली आँसू”। इसी कहावत को चरितार्थ करने का पूरा जिम्मा कांग्रेस एवं झारखंड की राज्य सरकार ने ले रखी है। कांग्रेस द्वारा पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर प्रदर्शन में जनता को महंगाई के प्रति सांत्वना कम और उपहास ज़्यादा दिखाई दे रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि जब केंद्र सरकार ने अपने हिस्से के वैट को कम कर जनता को बड़ी राहत दी तो उसके फौरन बाद ही भाजपा शासित सभी राज्य की सरकारों ने अपने स्तर पर राजकीय वैट को कम किया परन्तु कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की गठबंधन वाली झारखंड सरकार ने वैट घटना तो दूर ऊपर से जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। अगर कांग्रेसी नेताओं को आम जनता की महंगाई के प्रति वास्तव में कोई सांत्वना है तो उन्हें तुरन्त राज्य सरकार से वैट कम कराने की दिशा में उचित फोरम पर प्रयास करना चाहिए जिससे कि झारखंड की जनता को दोगुनी राहत मिल सके। प्रेम झा ने कहा कि अगर कांग्रेस नेतागण ऐसा करते हैं तो स्वागत है अन्यथा ऐसे धरना प्रदर्शन कर अपनी नाकामियों को छुपाने का प्रयास ना करें।

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