पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा द्वारा अभिलेष की शिकायत राज्यपाल और मुख्य सचिव के साथ साथ विभागीय सचिव से कर चुके हैं
कनीय अभियंता अभिलेष कुमार की चल अचल संपत्ति की जांच का मामला उच्च न्यायालय में पहुंच सकता
संतोष वर्मा
चाईबासा । कनीय अभियंता अभिलेष कुमार की चल अचल संपत्ति की जांच का मामला उच्च न्यायालय में पहुंच सकता है। सूत्र की मानें तो किस संवेदक की गाड़ी से अभिलेष कुमार सभी साईट घूमते हैं। गिफ्ट में स्कॉर्पियो मिला है,चर्चा जोरों पर है। जेल में बन्द बिरेंद्र राम के रास्ते पर चल रहे हैं अभिलेष कुमार। बिरेन्द्र राम की भ्रष्ट कहानी और काली कमाई की तरह अभिलेष कुमार की भी कहानी है। मनमानी का यह आलम है कि अभिलेष कुमार संवेदकों को घुटने के बल पर रखते हैं। एक करोड़ के कार्य को अपने मनमाने तरीके से पचास लाख का बिल बना कर कार्यपालक अभियंता से भुगतान करा देते हैं। सूत्रों की माने तो कार्यपालक अभियंता का एक जेई के सामने कुछ नहीं चलता है। सूत्रों के अनुसार टोन्टो, जगन्नाथपुर और हाटगमहरिया प्रखंड की निविदा को अपने चहेते ठिकेदारों को मैनेज करने का काम करते हैं। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में नक्सली भी अभिलाष के आगे नतमस्तक है। सूत्रों की माने तो नक्सली और संवेदक के बीच मंडवली का भी काम करतें हैं।तीन प्रेसेंट कमिशन वसुली की जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराने की मांग हो रही है।.अब तक पचास करोड़ का बिल संवेदकों का बना चुके हैं। वर्तमान में सौ करोड़ की योजना का कार्य देख रहे हैं।.पूर्व में मंगल सिंह बोबोंगा के द्वारा श्री अभिलेष की शिकायत राज्यपाल और मुख्य सचिव के साथ साथ विभागीय सचिव से कर चुके हैं। संवेदकों के बीच अभिलेष कुमार का लोग से ज्यादा महत्व है। सूत्रों की माने तो विभागीय मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल के काफी करीबी माने जाते हैं। जिस तरह ईडी ने माफिया अभियंता बीरेंद्र राम की काली कमाई को उजागर करने में सफल रही है, उसी तरह अभिलेष की कमाई का पता लगा लेगी।
झारखंड भ्रष्टाचार उनमुलन समिति के अध्यक्ष गणेश प्रसाद और मगंल सिंह बोबोंगा ने अभिलेष कुमार की अवैध रूप से कमाई की जांच के लिए पहले भी शिकायत किए हैं।