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पान के धब्बा रोग का करें नियंत्रण-डा. रामसेवक चौरसिया

नेहा तिवारी
प्रयागराज। औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग प्रयागराज द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन पान की खेती देखने के लिए कृषकों के साथ डॉ रामसेवक चौरसिया वरिष्ठ वैज्ञानिक सीएसआइआर लखनऊ द्वारा भ्रमण किया गया पान उत्पादन करने वाले कृषकों से वार्ता करते हुए डॉ चौरसिया द्वारा कहा गया कि पान की बेल में इस समय धब्बा रोग दिखाई दे रहा है इसके नियंत्रण के लिए स्टेप्टोसाएकिलिन का प्रयोग किया जाना आवश्यक है साथ ही खुसरोबाग के उद्यान विशेषज्ञ वीके सिंह द्वारा किसानों को पान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कहा गया कि तंबाकू युक्त बनने वाले पान मसाला का सेवन नहीं करना चाहिए मसाला के स्थान पर पान को खाने से अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं पान के लाभ पर चर्चा करते हुए श्री सिंह द्वारा बताया गया कि पान में वात रोग, पित्त रोग, के साथ-साथ मुख शोधक के रूप में इसका प्रयोग बहुत ही ज्यादा किया जाता है पान उत्पादक कृषकों में रामनिधि चौरसिया द्वारा कहा गया कि सरकार के अनुदान की सीमा को बढ़ाया जाए तथा पान की खेती करने वाले लोगों को नेट हाउस में पान कि खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए नेट हाउस में पान की खेती पर 90 प्रतिशत तक सहायता दी जाए तो पान उत्पादन का रुझान बढ़ेगा तथा नेट हाउस में पान की खेती करने पर मौसम के प्रतिकूल प्रभाव से भी बचा जा सकता है कार्यक्रम के अंत में प्रगतिशील पान उत्पादकों को पान की खेती में प्रयोग होने वाले उपकरण निशुल्क देकर प्रोत्साहित किया गया

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